जिले में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2019-20 के अनुसार फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए 186 सोलर डी-फ्लोरिडेशन प्लांट स्वीकृत किए गए है।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता सीताराम मीना ने बताया जिले में फ्लोराईड से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों मे अब सोलर डी-फ्लोरिडेशन प्लांट के माध्यम से शुद्ध एवं नि:शुल्क पेयजल आपूर्ति होगी। बिजली आपूर्ति नहीं होने पर भी सोलर प्लांट से ग्रामीणों को निर्बाध शुद्ध पेयजल आपूर्ति होगी।
जिले में अब तक 35 सोलर डी-फ्लोरिडेशन प्लांट स्थापित कर पेयजल आपूर्ति प्रारंभ भी कर दी गई है। पेयजल गुणवत्ता प्रभावित ग्रामों में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की ओर से शेष रहे सोलर डी-फ्लोरिडेशन प्लांट लगाने का कार्य प्रगति पर है। वर्तमान में 35 से आपूर्ति शुरू कर दी गई है। 61 का कार्य प्रगति पर है तथा शेष रहे संयंत्र भी शीघ्र स्थापित कर दिए जाएंगे। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि प्रत्येक सोलर डी-फ्लोरिडेशन प्लांट व पेयजल स्त्रोत के लिए बोर विकसित करने में लगभग 16 लाख रूपये व्यय किये जा रहे है।
ये संयंत्र स्वचालित है। प्रत्येक संयंत्र दिनभर में 10 हजार लीटर तक पानी को शुद्ध करने की क्षमता रखते है। संयंत्र से पीने व अन्य कार्य के उपयोग के लिए अलग-अलग दो सार्वजनिक नल स्थापित किये गये है। ग्रामीण एक नल से शुद्ध पेयजल (फ्लोराईड मुक्त) एवं दूसरे से राॅ वाटर जिसे (नहाने धोने इत्यादि कार्य हेतु) इस पानी को उपयोग मे ले सकेंगे। अधीक्षण अभियंता ने बताया कि संयंत्र से नल खोलते ही पानी आएगा, जैसे ही टंकी खाली होगी वैसे ही बोर पर लगी मोटर स्वतः चालू हो जाएगी तथा पूरी टंकी भरने पर अपने आप बंद हो जाएगी।
जिले में चौथ का बरवाड़ा पंचायत समिति के पांवडेरा में 4, ईसरदा में तीन, बामनवास पंचायत समिति के बरनाला में चार, जीवद, बिछोछ, बाटोदा, भिनोरा, सीतोड, गुर्जर ठिकरिया में एक-एक, पंचायत समिति बौंली के उदगांव, डिडवाड़ी, मित्रपुरा, बपूई में दो-दो, कोड्याई, धनेसरा, हनुमतपुरा, बांस परसा, पीपलदा, कुटका, हिन्दुपुरा, शाहपुरा, गादोता, पुनेता में एक-एक प्लांट स्थापित कर लोगों को लाभांवित किया जा रहा है।