सवाई माधोपुर: राज्य सरकार के निर्देशानुसार एक जिला एक उत्पाद के तहत संगमरमर की मूर्ति के लिए चिन्हित बौंली उपखण्ड के बांस टोरड़ा गांव का गुरूवार को जिला कलक्टर शुभम चौधरी एवं पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने हस्तशिल्पियों द्वारा बनाई गई देवी देवताओं, महापुरुषों व पशुओं की संगमरमर की मूर्तिकलां का अवलोकन कर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली।
ग्रामीणों द्वारा गांव में कम वोल्टेज आने व पेयजल की समस्या के साथ-साथ मूर्तिकलाकारों की मुख्य समस्या स्थान, कच्चा माल के साथ-साथ उनके उत्पाद को उचित बाजार की उपलब्धता है। ग्रामीणों द्वारा मूर्तिकलां को प्रोत्साहन देने एवं रोजगार के बढ़ावा देने के लिए बांस टोरड़ा गांव में मूर्तिकलां के क्षेत्र में कार्य करने वाले शिल्पियों हेतु शिल्पग्राम बनवाने की मांग गई। इस पर जिला कलक्टर ने जिला उद्योग एवं वाणिज्य केन्द्र के महाप्रबंधक सुग्रीव मीणा को गांव के शिल्पियों से सुझाव लेकर शिल्पग्राम बनवाने के लिए प्रस्ताव तैयार करवाने के निर्देश प्रदान किए है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों देश की धरती में मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध जिले के बास टोरड़ा के शिल्पियों की समस्याओं को समाचार के माध्यम से जिला प्रशासन के सामने रखा था। जिसके बाद जिला प्रशासन द्वारा शिल्पकारों की समस्याओं से रूबरू होना अच्छा प्रयास है। बांस टोरड़ा के करीब 90 प्रतिशत से अधिक परिवारों की आजीविका का आधार संगमरमर (मार्बल) मूर्तियां बनाना है।