जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन की अध्यक्षता में जिला गोपालन समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। बैठक में कलेक्टर ने पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक को निर्देश दिए कि गोशालाओं के निकट चारा डालने के लिए विशेष एनक्लोजर बनवाएं, जिससे गायों को सड़कों पर चारा डालने से होने वाली गंदगी एवं दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
इसके लिए उन्होंने सभी गोशालाओं के संचालकों के साथ बैठक कर इस संबंध में कार्ययोजना की जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गोशालाओं में गोवंश की संख्या बहुत कम है, जबकि सड़कों पर गोवंश इधर-उधर घूमता रहता है।
उन्होंने गोवंश को गौशालाओं में रखने तथा उनकी समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने जिले की नौ गोशालाओं को दिए जाने वाले अप्रेल से जून 21 के अनुदान की राशि के संबंध में चर्चा की गई। उन्होंने गोशालाओं में गोवंश का सत्यापन करने के निर्देश भी दिए।
दिए जाने वाले अनुदान के संबंध में विस्तार से चर्चा की गई तथा भुगतान के संबंध में निर्देश दिए। इसी प्रकार प्रथम श्रेणी एवं द्वितीय श्रेणी की एक-एक गोशाला का श्रेष्ठ प्रबंधन के लिए पुरस्कार हेतु चयन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
वहीं पशुपालक के रूप में जिला एवं ब्लॉक स्तर के पशुपालक के प्रस्ताव पर चर्चा की गई। इसी प्रकार उदेई खुर्द में पशुचिकित्सा केन्द्र के संचालन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के पुराने भवन को देने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई तथा पुराने पीएचसी के भवन को पशु पालन विभाग को देने के लिए प्रस्ताव लिया गया।
बैठक में संयुक्त निदेशक पशुपालन डॉ. ओपी गुप्ता, डॉ. ज्योति गुप्ता, एसीएमएचओ डॉ. कैलाश गुप्ता, उप निदेशक कृषि रामराज मीना, एटीईओ अस्मिता मीना सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।