जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक बैठक का आयोजन जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट सभागार में किया गया।
बैठक में जिला कलक्टर ने जिले में कोविड-19 के पाॅजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए निर्देश दिए कि जिले में सभी ब्लाॅकों में सैंपलिंग बढ़ाई जाए व हाई रिस्क कैटेगरी यानि की बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं व अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों की कम से कम 500 सैंपलिंग रोज की जाए। इससे अधिक लोगों की कम समय में जांच हो पाएगी व पाॅजिटिव लोगों की पहचान कर रोग पर काबू पाया जा सकेगा।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. तेजराम मीना ने जिले में विभाग द्वारा चलाई जा रही चिकित्सा गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जननी सुरक्षा योजना व राजश्री योजना के भुगतान कार्य में जिला प्रदेश भर में प्रथम स्थान पर चल रहा है। साथ ही जिला कलक्टर ने अन्य सभी पेंडिग भुगतानों को तुरंत प्रभाव से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में अनुपस्थित रहे अधिकारियों को जिला कलक्टर की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी किए जाऐंगे। उन्होंने फुल इम्युनाइजेशन कर लाइन लिस्ट को शत प्रतिशत करने के निर्देश दिए व जिन चिकित्सा संस्थानों पर लाइन लिस्ट व पेमेंट ड्यू हैं उन सभी अधिकारियों से कार्य पूर्ण न होने के कारण की जानकारी ली। उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि बैठक में आने से पूर्व पूरी तैयारी कर के व प्रजेंटेशन की जानकारी लेकर ही बैठक में उपस्थित होवें।
जिला कलक्टर ने सभी को निर्देश कि बरसात का मौसम शुरू होने के साथ ही मौसमी बीमारियां भी बढ़ने का खतरा बढ़ेगा, इसलिए फोगिंग करवाई जाए, गढ्ढों में एमएलओ डाला जाए ताकि मच्छरों की पैदावार ज्यादा ना हो। साथ ही कोविड के सर्वे के साथ साथ मौसमी बीमारियों का भी सर्वे किया जाए।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर, सीईओ व एसडीम, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. कैलाश सोनी, जिला नोडल अधिकारी नवल किशोर अग्रवाल, जिला लेखा प्रबंधक सुशील गुप्ता, सांख्यिकी अधिकारी अजय शंकर बैरवा, यूपीएम विनोद शर्मा, जिला आईईसी समन्वयक प्रियंका दीक्षित, यूएनएफपीए कंसल्टेंट आदित्य तोमर, समस्त ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी व बीपीएम मौजूद रहे।