जिला मुख्यालय पर आज शुक्रवार को रेलवे ब्रिज का काम कर रही कम्पनी के लोगों ने इण्डेन गैस गोदाम की दीवार को जेसीबी मशीन चलाकर ढहा दिया। लकिन सवाई माधोपुर में रणथम्भौर गणेशजी कृपा से कोई अनहोनी घटना नहीं हुई।
जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने रेलवे ब्रिज निर्माण कार्य का निरीक्षण कर शीघ्र कार्य करने के निर्देश दिये थे। जिला कलेक्टर के दौरे के बाद निर्माण कार्य करने वाली कम्पनी के लोगों ने जेसीबी चलाकर नाला निर्माण करने के नाम पर गैस गोदाम की दीवार को ढहा दिया।
दीवार को ढहाने से पहले उन्होंने यह भी जानकारी नहीं दी कि गैस गोदाम खाली है या भरा है। गैस गोदाम संचालक ने बताया कि यहां इण्डेन गैस सिलेण्डरों का गोदाम है। जिससे जिला मुख्यालय पर रसोई गैस सिलेण्डरों की सप्लाई की जाती है। गोदाम में गैस के भरे हुए सिलण्डेर रखे हुऐ थे। ऐसे में प्रशासन की इस कार्यवाही के चलते कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था। उन्होंने बताया कि उन्होने गैस सिलेण्डर हटाने के लिए समय देने की भी मांग की थी। लेकिन प्रशासन ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया।
गैस गोदाम संचालन ने बताया कि उन्होने गैस सिलेण्डरों के गोदाम को अन्य भूमि पर स्थानान्तरित करने के लिए स्वीकृति चाहने के लिए भी प्रार्थना पत्र दे रखा है, लेकिन जिला प्रशासन द्वारा अभी तक उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई है। वहीं गोदाम की जिस भूमि का मुआवजा मिलना है वह भी पूरा नहीं मिला है। ऐसे में इस प्रकार गैस सिलेण्डरों से भरे गोदाम की दीवार को जेसीबी चलाकर ढहा देना जानबूझ कर हादसे को निमंत्रण देने जैसी कार्यवाही दिखाई देती है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जहां अभी तक ब्रिज का अधिकांश कार्य ही अधूरा पड़ा है, ऐसे में नाला बनाने के लिए गैस गोदाम की दीवार ढहाने की इतनी जल्दी क्या आन पड़ी थी।
बहरहाल गलती चाहे किसी की भी हो लेकिन यदि कोई हादसा हो जाता तो ब्रिज निर्माण कम्पनी के कर्मचारी हो या जिला प्रशासन के आला अधिकारी घटना की जिम्मेदारी किसी ओर पर डालने के लिए कंधे ढुंढते नजर आते। इण्डेन गैस डीलर ने बताया कि ब्रिज निर्माण कम्पनी द्वारा की गई कार्यवाही और प्रशासन की अनदेखी के चलते घरेलू गैस सप्लाई में भी बाधा उत्पन्न होगी। जिससे आम जनता को परेशानी होगी।