परस्पर समन्वय व राज्य सरकार की सख्त संदेश का ही परिणाम है
संयुक्त अभियान के शुरुआती दौर में ही 210 एफआईआर और 99 गिरफ्तारियां
जयपुर:- मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देश पर समूचे प्रदेश में अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ चलाये जा रहे संयुक्त अभियान में 210 एफआईआर दर्ज होने के साथ ही 99 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। खान सचिव आनन्दी ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार के अवैध खनन गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देशों पर समूचे प्रदेश में खान, राजस्व, परिवहन, पुलिस और वन विभाग द्वारा संयुक्त रुप से मिलकर ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने बताया कि अकेले टोंक में ही पुलिस में 35 प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ ही 22 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अभियान की खास बात यह है कि जिला कलक्टरों के मार्गदर्शन में पांचों विभागों द्वारा संयुक्त रुप से कार्रवाई की जा रही है और इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगे हैं। खान सचिव आनन्दी ने बताया कि अभियान के दौरान अवैध रुप से खनिजों का परिवहन करने वाले वाहनों को जब्त करने के साथ ही अवैध माइनिंग स्थलों पर कार्रवाई की जा रही है, जिससे खनन माफियायों में भय का वातावरण बना है।
टोंक के बाद 19 एफआईआर कोटा में दर्ज कराने के साथ ही अवैध खनन गतिविधियों में लिप्त 13 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसी तरह से डीडवाना – कुचामन में 14 एफआईआर, बारां में 11 एफआईआर और 4 गिरफ्तारी, भीलवाड़ा में 10 एफआईआर, चित्तौड़गढ़ में 3 गिरफ्तारी, झालावाड़ में 12 एफआईआर और 11 गिरफ्तारी, नीम का थाना में 13 एफआईआर और 7 गिरफ्तारी, बीकानेर में 10 एफआईआर और 5 गिरफ्तारी, जालौर में 8 एफआईआर और 6 गिरफ्तारी, भरतपुर में 5 गिरफ्तारी, अलवर और शाहपुरा में 10-10 एफआईआर और अलवर में 7 गिरफ्तारी, करौली में 9 एफआईआर और 2 गिरफ्तारी, धौलपुर में 8 एफआईआर और 4 गिरफ्तारी व शेष अन्य स्थानों पर एफआईआर और गिरफ्तारी हुई है।
प्रदेश के विभिन्न स्थानों से लगातार बड़ी कार्यवाहियों की सूचना प्राप्त हो रही है। वहीं राज्य सरकार के अभियान का परिणाम रहा है कि खनन माफिया में भय का वातावरण बना है। राज्य सरकार ने अवैध खनन गतिविधियों की जड़ पर प्रहार पर जोर दिया है ताकि स्थाई रोक लग सके।
अभियान के शुरुआती दौर में ही 210 एफआईआर दर्ज होना और 99 व्यक्तियों की गिरफ्तारी से राज्य सरकार की अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई स्पष्ट हो जाती है। सभी जिला कलक्टरों द्वारा संबंधित विभागों के साथ समन्वय व दिशा – निर्देश का ही परिणाम है कि प्रदेश भर में लगतार कार्रवाई जारी है।