इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट राजस्थान के बैनर तले उपखंड अध्यक्ष महेश शर्मा के नेतृत्व में पत्रकारों के लिए सुरक्षा कानून बनाने सहित अन्य सुविधायें उपलब्ध कराने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम उपजिला कलेक्टर को 13 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
पत्रकारों ने ज्ञापन में लिखा हैं की सरकार दो वर्ष पूर्ण कर उपलब्धियों का बखान कर रहीं हैं परंतु राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को समय-समय पर जनता तक पहुंचाने, पत्रकारों की मांगों को लम्बित पड़े दो वर्ष हो गये। जिन्हें आज तक पूरा नहीं किया गया। जिसके कारण पत्रकारों में असंतोष हैं। वर्तमान सरकार ने सत्तारूढ होने से पूर्व जनघोषणा पत्र में पत्रकारों के कल्याण के कुछ बिन्दुओं का उल्लेख किया था। जो आज तक अनछुए हैं। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा चुनाव से पूर्व यह आश्वस्त किया गया था की सरकार बनने पर पत्रकारों की मांगों का यथोचित्त क्रियान्वयन किया जायेगा, परंतु सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने के बाबजूद मामला जस का तस हैं। आईएफडब्ल्यूजे राजस्थान प्रदेश के सबसे अधिक पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक मात्र पत्रकार संगठन हैं। जिसकी इकाईयां 33 जिलों और 162 उपखंड पर सक्रिय रूप से कार्यरत हैं तथा 3200 से अधिक पत्रकार सदस्य जो प्रिंट इलेक्ट्राॅनिक एवं सोशल मीडिया से जुड़े हुए हैं। उनसे भी सरकार ने संवाद करना उचित नहीं समझा। सरकार बिना पत्रकारों के किसी भी योजना का सफलतापूर्वक प्रचार-प्रसार नहीं कर सकती।
मंत्रीगण भी पत्रकारों की मांगों को लेकर गंभीर नहीं हैं जबकि पत्रकार लोकतंत्र का अभिन्न अंग व चतुर्थ स्तंभ हैं। ऐसे में सरकार को पत्रकारों की मांगों पर ध्यान देते हुए उन्हें क्रियान्वित करने कि मांग की हैं। पत्रकार सुरक्षा कानून के विषय में पूरा मसौदा तैयार कर सरकार को भिजवाया जा चुका हैं। पत्रकारों के रोडवेज पास, टोल मुक्त यात्रा जैसी छोटी मांगों का भी निस्तारण नहीं किया गया हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकार अपने आपको ठगा महसूस कर रहें हैं। आईएफडब्ल्यूजे संगठन मुख्यमंत्री से आग्रह करता हैं की वो पत्रकारों की लम्बित मांगों को शीघ्र क्रियान्वयन करें। जिनमें पत्रकार सुरक्षा कानून वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन योजना, पत्रकारों के लम्बित प्रकरणों का निस्तारण, पत्रकारों को दी जा रहीं चिकित्सा सहायता राशि को बढ़ाने पर विचार, उपखंड स्तर पर जनसंपर्क कार्यालय द्वारा समान रूप से सूची तैयार करने, पांच वर्ष पत्रकारिता करने वालों को अधिस्वीकृत पत्रकार की श्रेणी में सम्मिलित करने, शहरी तथा ग्रामीण पत्रकारों को नि:शुल्क भूखंड आवंटित करने, लम्बित आवासीय व्यवधानों का निस्तारण करने, सरकार द्वारा संचालित उच्च शिक्षण संस्थानों में पत्रकारों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान करने, पांच वर्ष से अधिक समय से कार्य करने वाले पत्रकारों को रोडवेज का पास जारी करने, आईएफडब्ल्यूजे राजस्थान इकाई को विभागीय मान्यता प्रदान करने, छोटे, मंझले, साप्ताहिक एवं पाक्षिक समाचार पत्रों को हर माह 5 डिस्प्ले विज्ञापन देने, राज्य सरकार द्वारा आयोजित सरकारी समारोह में आईएफडब्ल्यूजे के पदाधिकारियों को आमंत्रित करने, सर्किट हाउस व डाक बंगलों में नि:शुल्क ठहरने व संगठन के प्रतिनिधियों को प्रदेश के दौरे के लिए नि:शुल्क वाहन उपलब्ध कराने, वहीं जनसंपर्क निदेशालय द्वारा गठित सभी कमेटियों में आईएफडब्ल्यूजे को प्रतिनिधित्व देने कि मांग की हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में उपखंड अध्यक्ष महेश शर्मा, संरक्षक दिनेश सिंघल, पदम जोशी, पंकज शर्मा, सलीम खान, यादराम तसीवाल, गणेश सिरोहिया आदि पत्रकार उपस्थित थे।