बामनवास क्षेत्र के टोडा गांव को ग्राम पंचायत मुख्यालय का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा महापड़ाव दूसरे दिन भी जारी रहा।
इस महापड़ाव में ग्रामीणों द्वारा विधायक द्वारा जनसंख्या के गलत आंकड़े पेश कर ग्राम पंचायत मुख्यालय बदलकर दूसरी नई ग्राम पंचायत राजनीतिक व्यवस्था के तहत बनाने का आरोप लगाया।
बानोर और टोडा जगरामपूरा गुर्जर कोलेता सहित करीब 6 गांवों के ग्रामीणों ने विधायक पर आरोप लगाया कि विधायक द्वारा जनसंख्या में फेरबदल कर गलत तरीके से खुद की लेटर हेड का इस्तेमाल कर अधिकारियों को दबाव में लेते हुए पूर्व में बनने जा रही ग्राम पंचायत टोडा को निरस्त करवा कर ग्राम पंचायत टूंडिला को नई ग्राम पंचायत में गठन करवा दिया गया। इन सभी करीब आधा दर्जन गांवो का ग्राम पंचायत मुख्यालय बदलने के विरोध के चलते ग्रामीण पुरुष महिलाओं द्वारा महापड़ाव स्थल पर दिनभर जमकर विरोध प्रदर्शन किया गया। मामले को लेकर ग्रामीणों द्वारा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि विधायक द्वारा ऐसी जगहों को भी जनसंख्या में नामित कर दिया गया जहां मौके पर कोई आबादी निवास करती ही नहीं है।
ग्रामीणों ने मामले को लेकर बताया कि स्थानीय विधायक इंदिरा मीणा द्वारा ग्राम पंचायत मुख्यालय बदलवाने के लिए क्रमश तीन पत्र उपखंड अधिकारी जिला कलेक्टर उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को लिखे हैं। जिसमें स्थानीय विधायक द्वारा राजनीतिक व्यवस्था के साथ टोडा को ग्राम पंचायत मुख्यालय नहीं बनाने के लिए टूंडला के संदर्भ में जनसंख्या के गलत आंकड़े पेश करते हुए खुद की लेटर हेड पर 1497 की जनसंख्या दर्शा दी गई। जबकि संबंधित कि यह जनसंख्या ग्रामीणों द्वारा 1100 से भी कम बताई गई है। मामले को लेकर ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री से पुन टोडा को ग्राम पंचायत का दर्जा दिलाने की मांग की है।
पुलिस उपाधीक्षक पार्थ शर्मा व थानाधिकारी नरेश कुमार मीणा द्वारा महापड़ाव कर रहे ग्रामीणों से धरना स्थल पर जाकर समझाईश की गई लेकिन ग्रामीण खुद की मांगों पर अड़े रहे।
पेयजल योजनाओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए जलदाय विभाग के सहायक अभियंता विजय सिंह मीणा व पुलिस का सुरक्षा जाब्ता मौजूद रहा।