राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम व किशोरोन्मुखी स्वास्थ्य केंद्र एएफएचसी का एक दिवसीय प्रशिक्षण स्वास्थ्य भवन में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में सवाई माधोपुर व टोंक जिले के जिला कार्यक्रम प्रबंधक, खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला आशा समन्वयक, जिला आईईसी समन्वयक, खण्ड कार्यक्रम प्रबंधक, ब्लॉक आशा फेसिलिटेटर, आरकेएसके काउंसलर, जिला आरबीएसके कॉर्डिनेटर मौजूद रहे।
प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा एंव स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तेजराम मीना की अध्यक्षता में आयोजित हुआ व सवाई माधोपुर जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधीन्द्र शर्मा, जिला कॉर्डिनेटर यूएनएफपीए आदित्य तोमर ने दिया। उन्होंने बताया कि 7 जनवरी 2014 से प्रारंभ है। कार्यक्रम के लक्षित समूह 10 से 19 साल के सभी किशोर किशोरी हैं जिनमें स्कूल जाने वाले, स्कूल नहीं जाने वाले, अविवाहित व विवाहित, गांव व शहर में रहने वाले, अतिसंवेदनशील, असुरक्षित व जोखिम समूह वाले किशोर किशोरियां हैं।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का उद्देश्य किशोर किशोरियों के कुपोषण, एनीमिया में कमी लाना, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य के बारे में जानकारी, व्यवहार में सुधार लाना, किशोरावस्था में गर्भधारण में कमी लाना, मानसिक स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का निराकरण, लिंग आधारित हिंसा, नशाखोरी से बचाव, असंक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम के अंतर्गत समुदाय आधारित हस्तक्षेप पीयर एजुकेटर, किशोर किशोरी स्वास्थ्य दिवस, साप्ताहिक आयरन फॉॅलिक एसिड पूरक कार्यक्रम, माहवारी स्वच्छता योजना के माध्यम से किशोर किशोरियों को कार्यक्रम से जोडकर बेहतर स्वास्थ्य से जोड़ा जाता है।
एएफएचसी (उजाला क्लिनिक) एएफएचसी में प्रशिक्षित काउंसलर अथवा चिकित्सक द्वारा किशोर किशोरियों की किशोरावस्था की शारीरिक व मानसिक समस्याओं को हल करने का कार्य किया जाता है। किशोरोन्मुखी स्वास्थ्य केंद्र में किशोर किशोरियों का गोपनीय पंजीयन, सुविधाजनक समय, जगह, निजता, दवाओं, रैफरल्स आदि की आपूर्ति की जाती है। सभी को जानकारी दी गई कि किशोर स्वास्थ्य दिवस का आयोजन किस प्रकार किया जाता है। किशोरों को चर्चा, वाद विवाद, निबंध लेखन, नुक्कड नाटक, खेलकूद, स्वास्थ्य जांच के माध्यम से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है।