जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम के 8वें संस्करण में विद्यार्थियों के साथ तनाव मुक्त परीक्षा के विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी जयपुर के मानसरोवर स्थित महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम सुना। देश के विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों से चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने उनको परीक्षा के तनाव से मुक्त रहने और टाइम मैनेजमेंट के उपयोगी सुझाव दिए।
प्रधानमंत्री ने बच्चों से कहा कि वे परीक्षा का तनाव महसूस न करें तथा अपने लक्ष्य निर्धारित करें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने की बजाय खुद को प्रेरित करते हुए बेहतर बनाने का प्रयास करें क्योंकि जो खुद से स्पर्धा करता है, वह जीवन में कभी भी पीछे नहीं रहता। हमें हमारी विफलताओं से सीख लेते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में अच्छे नंबर लाना उतना महत्वपूर्ण नहीं, जितना निरंतर ज्ञान अर्जित करना है।
जीवन में समय प्रबंधन महत्वपूर्ण:
प्रधानमंत्री ने कहा कि जीवन में समय प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान अपने अध्ययन तथा अन्य कार्यों की समय सारणी बनाकर समय का सदुपयोग करते हुए उन्हें सम्पादित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि तनाव से उबरने में ध्यान और योग बहुत उपयोगी है। नियमित योगाभ्यास से तनाव दूर होने के साथ ही कार्य क्षमता में भी वृद्धि होती है। पीएम ने बच्चों को परीक्षा में प्रश्न पत्र को हल करने संबंधी टिप्स भी दीं।
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लोगों का विश्वास जीतना लीडर का गुण:
पीएम मोदी ने लीडरशिप पर बात करते हुए कहा कि एक अच्छे लीडर को खुद में सकारात्मक बदलाव कर अन्य लोगों के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि टीम वर्क, धैर्य, जरूरतमंदों की मदद और लोगों का विश्वास जीतना भी एक नेतृत्वकर्ता का महत्वपूर्ण गुण है।
अभिभावक बच्चों की अभिरूचि और क्षमताओं को समझे:
प्रधानमंत्री ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे बच्चों पर अपनी महत्वकांक्षाएं थोपे बिना उनकी अभिरूचि और क्षमताओं को समझे और उनकी पसंद का कैरियर चुनने में मदद करें। श्री मोदी ने शिक्षकों से भी अपील की कि वे विद्यार्थियों की आपस में तुलना करने से बचें और संवेदनशीलता के साथ प्रत्येक विद्यार्थी की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करें।