450 रुपए में सिलेंडर, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा, ईआरसीपी जैसे फैसले हो चुके
गत 27 दिसंबर को सायं चार बजे एनडीटीवी (राजस्थान) पर राजस्थान के मंत्रिमंडल के विस्तार पर लाइव डिबेट हुई। इस डिबेट की एंकरिंग देश के जाने माने पत्रकार मनोरंजन भारती (बाबा) ने की। इस डिबेट में एसपी मित्तल (ब्लॉगर) ने भी भाग लिया। मनोरंजन भारती देश के उन चुनिंदा पत्रकारों में शामिल हैं जो राजनीति पर मजबूत पकड़ रखते हैं। लेकिन 27 दिसंबर को भारती ने स्वयं कोई जानकारी देने के बजाए डिबेट में शामिल राजनीतिक समीक्षकों और पत्रकारों से मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में जानना चाहते। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि न तो मंत्रियों के नाम और न मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख की खबर लीक हो रही है। डिबेट में शामिल पत्रकारों ने अपनी ओर से संभावित मंत्रियों के नाम भी बताएं, लेकिन मेरा कहना रहा कि जिस भाजपा में नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे नेता फैसले ले रहे हैं। उसमें बिना किसी पुख्ता आधार के खबर चलाना सही नहीं है।
गत 12 दिसंबर को भाजपा विधायक दल की बैठक से पहले मीडिया में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के नाम घोषित किया गया, तो सभी आश्चर्यचकित रह गए। शर्मा के नाम की घोषणा होने के बाद यह कहा जाने लगा कि आखिर पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा राजस्थान जैसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री का काम कैसे करेंगे? ऐसे सवालों का जवाब अब भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व दे रहा है। मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम के विभागों का वितरण और मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने के बाद भी भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री काम तेजी से कर रहे है। शायद भजनलाल शर्मा को यह एहसास करवाया जा रहा है कि वे अकेले भी सरकार चला सकते है।
भले ही भजनलाल को इससे पहले विधायक पद का अनुभव भी न हो, लेकिन मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद से ही भजनलाल महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं। पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान जो गारंटियां दी उन्हें भी एक एक कर पूरा किया जा रहा है। उज्ज्वला योजना के लाभार्थी और बीपीएल कार्ड धारकों को एक जनवरी से 450 रुपए में रसोई गैस का सिलेंडर मिलना शुरू हो जाएगा। पिछली कांग्रेस सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को भी केंद्र की आयुष्मान भारत योजना में समायोजित कर दिया गया है। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने पर भी अमल हो गया है। यानी विधानसभा चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने जो दावं चले थे, उन सभी पर भजनलाल शर्मा ने अमल कर दिया है। कांग्रेस और आलोचकों के पास अब भजनलाल सरकार की कार्यकुशलता को लेकर सवाल उठाने का कोई मौका नहीं है। भले ही मंत्रिमंडल का विस्तार न हुआ हो, लेकिन भजनलाल शर्मा ने बड़े फैसले ले लिए हैं। आज कोई यह नहीं कह सकता है कि मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने से सरकार के फैसले रुके हुए हैं। कानून व्यवस्था को लेकर भी भजनलाल पुलिस अधिकारियों की बड़ी बैठक कर चुके हैं।
ईआरसीपी का मुद्दा भले ही कांग्रेस शासन में उलझ गया हो, लेकिन अब मध्यप्रदेश वाली बाधाओं को हटाकर योजना की क्रियान्विति की जा रही है। अब इस परियोजना पर राजस्थान को मुश्किल से 3 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे। जबकि पहले चार हजार करोड़ रुपए खर्च करने थे। भजनलाल शर्मा ने यह भी दर्शाया है कि डबल इंजन की ताकत से राजस्थान का विकास होना शुरू हो गया है। इस बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का दौरा भी हो चुका है। विकसित भारत संकल्प यात्रा के अवसर पर लगने वाले शिविरों में भी भजनलाल शर्मा अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं। मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भाजपा का कोई भी नेता टिप्पणी करने की हिम्मत नहीं दिखा रहा है। किसी को भी पता नहीं कि आखिर विस्तार कब होगा। जहां तक विधायकों का सवाल है तो सीएम, डिप्टी सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के बाद बचे भाजपा के सभी 111 विधायक मंत्री बनने की कतार में खड़े हैं। सभी विधायकों के मोबाइल फोन चौबीस घंटे ऑन है। मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा यह तो अभी पता नहीं है, लेकिन इतना जरूरी है कि मंत्री बनने वाले विधायकों को पहली सूचना मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ही देंगे। ताकि यह दर्शाया जा सके कि भजनलाल शर्मा ने ही मंत्री बनाया है।
एसपी मित्तल (ब्लॉगर)