Sunday , 7 July 2024

जुनून ऐसा कि अब तक 15 सौ से अधिक सांपों का किया रेस्क्यू

सर्प एवं सरीसृप वर्ग के जंतुओं को बचाने का जज्बा एवं जुनून ऐसा है कि जहां कहीं से भी घर, दुकान या आवास परिसर में सांप के घुसने की सूचना मिलती है, जिला मुख्यालय के गौत्तम कोलोनी निवासी लोकेश साहू सांप को रेस्क्यू करने के लिए पहुंच जाते है। साहू पिछले 25 सालों में लगभग 15 सौ से अधिक सांपों को रेस्क्यू कर उन्हें जंगल में छोड़ चुके है। यह सेवा कार्य नि:शुल्क एवं निस्वार्थ सेवा भाव से किया जाता है।
लोकेश साहू का कहना है कि सांप खतरनाक नहीं, विलुप्त होता सरीसृप है। पृथ्वी से सांप समाप्त हो गए जो मानव जीवन, खेती-बाड़ी को खतरा हो सकता है। क्योंकि सांप हमारी खाद्य श्रृंखला का महत्वपूर्ण बिन्दु है। इसी भावना के साथ लोकेश साहू पिछले 25 साल में लगभग 1500 से अधिक सांपों को नया जीवन दे चुके है। दूर दूर से इनके पास फोन आते ही ये दौड़ पड़ते है और किसी भी घर, दुकान, सरकारी भवन में छिपे सांप को सुरक्षित रेस्क्यू कर पास के जंगल में छोड़ देते है। सांप को पकड़ने की कला भी इनकी हुनर से भरी हुई है। ये सांप पकड़ने के लिए लोहे के तार से बने एक उपकरण का उपयोग करते है। सांप को चोट नहीं लगे इसका पूरा ध्यान रखते हुए सांप का रेस्क्यू करते है।

Lokesh rescues snakes and leaves them in the forest Ranthambore Sawai madhopur

लोकेश ने बताया कि एक ओर तो हम सांप को देवता मानकर पूजा करते है। वहीं कई लोग अज्ञानता के कारण इसे मार भी देते है। उनका कहना है कि 90 प्रतिशत से अधिक सांपों में जहर नहीं होता है, और जहरीला सांप भी स्वयं की रक्षा में ही मनुष्य पर आक्रमण करता है। आपके घर में सांप दिख जाए जो उसे बाहर निकलने का रास्ता दें, डराएं नहीं।
लोकेश साहू का कहना है कि जिले में अधिकतर इंडियन रेड स्नेक (धामण) प्रजाति के सांप है। कुछ कोबरा, करेत, ट्रिंकल स्नेक एवं डेंडूआ भी है। यदि सांप को पकड़ने में मदद चाहते है तो 9414166661 नंबर पर संपर्क कर सकते है। साहू ने अभिभावकों से अपील की है कि अपने बच्चों को डरना नहीं, जीना सिखाएं। डिस्कवरी, एनीमल प्लेनेट चैनल के माध्यम से उनमें भावना जाग्रह करें कि सांप भी उन्हीं की तरह जैव विविधता अंग है। जैव विविधता से भरी हुई दुनिया में हर जीव का जीवन कीमती है। जीवन चक्र को चलने देने में सभी अपना सहयोग करें। लोकेश साहू जैव विधिवधा के संरक्षण, सरीसृप वर्ग को बचाने के अपने जुनून में पूरी मुस्तैदी से जुटे हुए है। सरीसृप वर्ग की रक्षा करने के लिए इनके बनाए वीडियो यू ट्यूब पर भी लंबे समय पर चल रहे है।
लोकेश ने बताया कि 20-22 साल पहले आकाशवाणी के पीछे डामर चौकी में डामर से चिपके हुए दो कोबरा सांपों को डामर से छुड़ाकर रेस्क्यू किया तथा उन्हें डामर से बचाने के लिए केरोसीन से साफ करके नया जीवन दिया। यह अनुभव अविस्मरणीय एवं जोखिमभरा रहा।

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