राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में भर्तियों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दो महत्वपूर्ण निर्णय किए है। मुख्यमंत्री ने शैक्षणिक योग्यता संबंधी विवादों का निवारण करने के लिए समिति का गठन किया है। साथ ही उन्होंने विभागों में रिक्त पदों पर नियमित रूप से भर्तियां करने तथा इस प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से संपन्न करवाने के आवश्यक निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने भर्तियों में शैक्षणिक योग्यता संबंधी विवादों को दूर करने के लिए विभागों में विभागाध्यक्ष की अध्यक्षता में शैक्षिक योग्यता और शैक्षिक समकक्षता समिति के गठन तथा नियमित भर्तियों के संबंध में अलग-अलग परिपत्र जारी किए हैं। समिति में विभागीय अधिकारियों के साथ ही मनोनीत विषय विशेषज्ञों को भी सम्मिलित किया जाएगा।
समिति विभिन्न पदों की शैक्षिक अर्हता और शैक्षणिक समकक्षता के नियमों का स्पष्ट निर्धारण करेगी। जिसके चलते विवादों का निवारण कर भर्ती प्रक्रिया को समयबद्ध रूप से सम्पन्न किया जा सके।
शैक्षणिक योग्यता संबंधी विवादों का निवारण करने के लिए समिति का गठन
इसके साथ ही अलग-अलग पदों पर नियुक्ति के लिए सेवा नियमों में पद के अनुरूप शैक्षणिक योग्यता का प्रावधान बने। वर्तमान में विभिन्न विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा नए पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।
इन पदों की शैक्षिक योग्यता से संबंधित डिग्री, डिप्लोमा या पाठ्यक्रम के समान अथवा समकक्ष सभी कोर्सेज को पद विशेष की शैक्षणिक योग्यता में शामिल कर पाना व्यवहारिक रूप से संभव नहीं हो पाता है। समिति एक संस्थागत व्यवस्था के रूप में कार्य कर सकेगी।
किसी पद की भर्ती में शैक्षणिक योग्यता की समकक्षता के संबंध में विवाद होने पर प्रकरण निर्णय के लिए इस समिति के समक्ष रखा जाएगा। इस स्थिति में कार्मिक विभाग के प्रतिनिधि को भी बैठक में सम्मिलित किया जाएगा।