कोविड महामारी के समय में उत्पन्न हुई परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, वैज्ञानिक तथ्य तथा वैश्विक अनुभवों के आधार पर नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीन एडमिनिस्ट्रिेशन फाॅर कोविड-19 द्वारा कोविड-19 टीकाकरण को लागू करने की रणनीति के संबंध में विभिन्न बदलाव एवं सुझाव दिए गए हैं जिन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वीकार किया गया है। नई गाइडलाइन के अनुसार व्यक्ति के लैब टेस्ट द्वारा कोविड-19 बीमारी से ग्रसित पाए जाने पर उसे रिकवरी होने से तीन माह की अवधि तक कोविड-19 वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। कोविड मरीज जिसे एंटी सार्स 2 मोनोक्लोनल एंटीबाॅडीज या कोवेलसेन्ट प्लाज्मा दिया गया है उसे चिकित्सालय से डिस्चार्ज होने के बाद तीन माह की अवधि तक कोविड-19 वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। किसी व्यक्ति को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज लगाई जा चुकी हो और दूसरी डोज लगने से पूर्व व्यक्ति को कोविड संक्रमण हो जाए तो कोविड-19 से रिकवरी होने के तीन माह की अवधि तक दूसरी डोज नहीं लगाई जाएगी।
कोई भी व्यक्ति जो अन्य गंभीर बीमारी के कारण चिकित्सालय अथवा आईसीयू में भर्ती रहा हो, उसे 4 से 8 सप्ताह तक कोविड वैक्सीन के लिए रूकना होगा। कोई भी व्यक्ति कोविड की वैक्सीन लगवाने के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकता है। कोविड से ग्रसित व्यक्ति, आरटीपीसीआर टेस्ट नेगेटिव होने के 14 दिन बाद रक्तदान कर सकता है। धात्री महिलाएं भी वैक्सीन लगवा सकती हैं। उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगवाने से पूर्व लाभार्थी को अपना रैपिड एंटीजन टेस्ट से स्क्रीनिंग करवाने की जरूरत नहीं है।