गंगापुर सिटी के हीरापुर में प्रशासन गांवों के संग अभियान में आयोजित शिविर से कल्याण नट और उसके मासूम पौत्र धर्मेश की लम्बे समय से चल रही पेरशानियों का काफी समाधान हो गया है। इस शिविर में कल्याण नट उपस्थित हुआ और उसने बताया उसके पुत्र रामधन की मृत्यु हो जाने के कारण उसकी पत्नि टीना नाता चली गई एवं अब टीना का बच्चा धर्मेश नट उसी के पास रह रहा है। मैं बुर्जग होने के कारण अब अपनी आजिविका के साथ-साथ बच्चे का लालन-पालन करने में असमर्थ हूं।
राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ यदि उसके पोते धर्मेश को मिलना शुरू हो जावे तो उससे प्रार्थी को कुछ राहत मिल जावेगी। प्रार्थी के आवेदन पर एसडीएम ने कैम्प में मामले की जांच समाज कल्याण विभाग के सामाजिक सुरक्षा अधिकारी से करवाई। जांच में पाया गया कि धर्मेश की मॉ नाता गई है लेकिन इसका प्रमाण पत्र नहीं बना है। इस पर एसडीएम ने कैम्प में कल्याण नट से नाता प्रमाण पत्र हेतु आवेदन करवाया तथा पटवारी एवं ग्राम विकास अधिकारी की रिपोर्ट पर टीना का नाता प्रमाण पत्र जारी करवाकर धर्मेश का पालनहार योजना का आवेदन कैम्प में स्थापित ई-मित्रा से ऑनलाइन करवाया तथा पालनहार का स्वीकृत पत्र जारी करवाया।
इस पर कल्याण की ऑंखों में खुशी के आंसू आ गये और बोला कि जिस मां ने इस बच्चे को 9 माह कोख में रखकर जन्म दिया, उसने तो इससे मुंह मोड़ लिया लेकिन राज्य सरकार ने इसे अपना बच्चा मानकर पालनहार का लाभ दिया। आज मेरा काम हुआ, मैं बहुत खुश हूं।
आयी थी परित्यक्ता प्रमाण पत्र बनवाने, पेंशन भी स्वीकृत हो गई
अनिता देवी निवासी हीरापुर को उसके पति आशाराम ने घर से निकाल दिया, अनिता को रोजी-रोटी के लाले पड़ गए लेकिन परित्यक्ता प्रमाण पत्र के अभाव में उसे राज्य सरकार द्वारा परित्यक्ता महिला को दी जाने वाली सहायता व विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा था। यह प्रमाण पत्र बनवाने के लिए वह काफी समय से प्रयास कर रही थी लेकिन प्रमाण पत्र नहीं बन पाया। प्रशासन गांवों के संग अभियान के अन्तर्गत हीरापुरा में आयोजित शिविर में उपस्थित होकर उसने शिविर प्रभारी व एसडीएम को यह समस्या बताई तथा कहा कि उसके पास अब आजिविका हेतु कोई साधन नही है।
अनिता देवी के आवेदन पर एसडीएम ने कैम्प में ही ग्राम विकास अधिकारी एवं पटवारी से जांच करवाई तथा प्रकरण सही पाये जाने पर उसका परित्यक्ता प्रमाण पत्र जारी किया गया तथा अनिता को बताया कि आज से ही उसकी पेंशन भी शुरू करवा रहे हैं। उसकी परित्यक्ता पेंशन के लिये पहले जन आधार कार्ड में स्टेटस परिवर्तन किया गया तथा तत्काल ही पेंशन आवेदन ऑनलाइन करवाया तथा 10 मिनट में ही बीडीओ से पेंशन स्वीकृति आदेश जारी करवाये।
इस पर अनिता देवी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार प्रकट कर बताया कि वे मेरे जैसे लोगों के संरक्षक हैं। हमारे सारे दुःख दर्दों को दूर करने के लिये ऐसे कैम्प लगाये जा रहे हैं, आज मेरा काम हुआ, मैं बहुत खुश हूं।