![Dirt in the prison of the court, complaint to the ADR and collector sawai madhopur](https://vikalptimes.com/wp-content/uploads/2022/06/Dirt-in-the-prison-of-the-court-complaint-to-the-ADR-and-collector-sawai-madhopur.jpg)
न्यायालय के बंदीगृह में गंदगी की भरमार, एडीआर व कलेक्टर से की शिकायतें
जिले के न्यायालय परिसर मे जहाँ स्वयं जिला जज कई अतिरिक्त जिला जज मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट एसीजेएम, जे एम व खुद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव बैठती है उसी न्यायालय परिसर में जिला जेल के अतरिक्त अन्य जेलो से पेशी पर रोज अनेको बंदियों को लाकर प्रथम तल पर बनी दो अलग – अलग हवालातों में सुबह से शाम तक बंद रखा जाता है। पर बड़ी अजीब बात है की उनको मिलने वाली सुविधाओं और उनके मौलिक अधिकारों की ओर यहाँ किसी का कोई ध्यान नहीं है।
![Dirt in the prison of the court, complaint to the ADR and collector sawai madhopur](https://vikalptimes.com/wp-content/uploads/2022/06/Dirt-in-the-prison-of-the-court-complaint-to-the-ADR-and-collector-sawai-madhopur.jpg)
इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के एडवोकेट और हिंदुस्तान शिवसेना के राष्ट्रीय प्रमुख राजेन्द्रसिंह तोमर राजा भईया और जिला न्यायालय के अधिवक्ता अक्षय राजावत ने एक संयुक्त लिखित शिकायत जनहित में व मानवीय आधारों पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एडीआर की सचिव और जिला कलेक्टर को की है। उन्होंने बताया कि यहाँ दोनों बंदी गृहों में ना तो बंदियों के लिए पीने के पानी की कोई सुविधा है और ना ही उनके बैठने के लिए कोई दरी चादर या चटाई की व्यवस्था है और तो और दोनों हवालातो के शौचालय भी गंदगी से भरे पड़े है।
इनमे भी पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। महीनों से इनकी व इन बंदी गृहो की सफाई तक नहीं हुई है यहाँ ड्यूटी पर आने वाली पुलिस गार्ड के लिए बाहर एक पंखा लगा था वो भी पिछले कई हफ्तों से खराब पड़ा है। एक हवालात मे तो दो पंखे लगे है पर दूसरी हवालात मे एक भी पंखा नहीं है। ऐसे मे यहाँ आने वाले सभी बंदी और जेल गार्ड के पुलिस कर्मी गर्मी में रहने को मजबूर है। जिससे उनको मानसिक तनाव के साथ साथ गर्मी व बदबू में रहने पर मजबूर होना पड़ता है। और यदि किसी बंदी कों शौचालय जाना पड़ जाये तो वो बिना पानी के कैसे शौच साफ करेगा और कैसे हाथ साफ करेगा ये सोचने कि बात है।
अधिवक्ताओं ने शिकायत में कहा है कि न्यायलय परिसर में हवालात जैसे अति संवेदनशील स्थान में सुविधाओं का ना होना और उन्हें गंदगी में रहने पर मजबूर होना बंदियों के मानवीय व मौलिक अधिकारों का भी हनन है। उन्होंने जल्द से जल्द उचित कार्रवाई कराने व यहाँ नियानुसार सुविधाएं उपलब्ध करने कि मांग की है।