बाघ परियोजना रणथंभौर सवाई माधोपुर में अवैध चराई की समस्या से उत्पन्न स्थिति के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेट डा.एस.पी. सिंह ने कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किए हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट को जिला सवाई माधोपुर की सीमा के अन्तर्गत सम्पूर्ण परियोजना क्षेत्र हेतु, मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है। इसी प्रकार उप जिला मजिस्ट्रेट सवाई माधोपुर को बाघ परियोजना के सवाई माधोपुर उपखण्ड में आने वाले समस्त क्षेत्र, उप जिला मजिस्ट्रेट खण्डार को बाघ परियोजना के खण्डार उपखण्ड मे आने वाले समस्त क्षेत्र, उप जिला मजिस्ट्रेट मलारना डूंगर को बाघ परियोजना के मलारना डूंगर उपखण्ड मे आने वाले समस्त क्षेत्र, तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट सवाई माधोपुर को बाघ परियोजना का तहसील सवाई माधोपुर मे आने वाले समस्त क्षेत्र, तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट खण्डार को बाघ परियोजना का तहसील खण्डार मे आने वाले समस्त क्षेत्र, तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट मलारना डूंगर को बाघ परियोजना का तहसील मलारना डूंगर मे आने वाले समस्त क्षैत्र के लिए कार्यपालक मजिस्ट्रेट नियुक्त किया है।
अवैध चराई रोकने के लिए धारा 144 लागू:- रणथंभौर बाघ परियोजना क्षेत्र में असामाजिक तत्वों व इस क्षेत्र के गांवों के लोगों द्वारा वर्षा ऋतु के दौरान मवेषी चराने व मवेषी चराने के लिए प्रेरित करने का कार्य कर इस राष्ट्रीय उद्यान के अस्तित्व को खतरा पैदा किया जा सकता है।
ऐसे में जिला मजिस्ट्रेट डा.एस.पी.सिंह ने दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियो का प्रयोग करते हुुए आदेश जारी किए है। उन्होंने जारी आदेश में बताया कि सम्पूर्ण जिला सवाई माधोपुर क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति, संगठन, दल उक्त राष्ट्रीय उद्यान के प्रतिबंधित क्षेत्र मे मवेषी चराने के लिए प्रेरित करने हेेतु किसी प्रकार के सभा, धरने, प्रदर्शन आदि का आयोजन नहीं करेगा। कोई भी व्यक्ति, संगठन, दल उक्त प्रतिबंधित क्षेत्र में मवेषी लेकर प्रवेश नहीं करेगा। आदेश की अवमानना भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध है। यह आदेश दिनांक एक जुलाई से 31 अगस्त 2019 की सांय छह बजे तक प्रभावी रहेगा।