जिला प्रशासन के निर्देशों पर तथा रणथम्भौर बाघ परियोजना की सकारात्मक पहल और प्रयासों से पहली बार रणथम्भौर वन क्षेत्र में वन्यजीव के हमले से मृत्यु हो जाने वाले व्यक्तियों के आश्रित परिजनों को 10 लाख रूपये तक की आर्थिक सहायता देकर राहत प्रदान की जाएगी। जिला कलेक्टर डाॅ. एस.पी. सिंह को उनके कक्ष में उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने सोमवार को चर्चा करते हुए इस संबंध में जानकारी दी। उपवन संरक्षक ने बताया कि रणथम्भौर वन क्षेत्र के 10 किलोमीटर की परिधि में बाघ, तेन्दुए, जरख तथा भालू के हमला करने पर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाने की स्थिति में 10 लाख रूपए तक की आर्थिक सहायता दी जायेगी।
उप वन संरक्षक मुकेश सैनी ने बताया कि 11 अप्रैल 2019 से एक साल के लिए लागू इस योजना के अन्तर्गत रणथम्भौर टाईगर फाउण्डेशन की ओर से बीमा राशि प्रिमियम वहन कर न्यू इण्डिया इन्स्योरेन्स कम्पनी से बीमा करवाया गया है। उन्होंने बताया कि देश में संभवततः पहली बार वाइल्ड एनिमल के हमले पर मृत्यु होने पर इतनी बड़ी आर्थिक सहायता दिए जाने की योजना को मूर्त रूप देने की पहल की गई है। इससे दुर्घटना का शिकार होने जाने व्यक्ति के आश्रितो को राहत के रूप में आर्थिक संबल मिलेगा।