गंगापुर सिटी स्थापना का 3 दिवसीय महोत्सव की शुरुआत भव्य ध्वज यात्रा निकाल कर की गई तथा शाम को गंगाजी की महाआरती की गई।
इस मौके पर गंगापुर सिटी स्थापना महोत्सव के मुख्य संरक्षक गंगापुर सिटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक मानसिंह गुर्जर ने बताया कि गंगापुर सिटी का पुराना नाम कुशालगढ़ था। जिसके वर्तमान गंगापुर सिटी के स्वरूप में आने तक की कहानी बहुत रोचक है। उन्होंने बताया कि कुशालगढ़ मूलरूप से एक छोटा सा गांव हुआ करता था। जिसका उस समय उदेई परागना के अर्न्तगत उल्लेख किया जाता था। यह क्षेत्र जयपुर महाराज के अधिकार क्षेत्र में आता था। गंगापुर सिटी की स्थापना 01 मई 1783 को हुई थी, लेकिन तब इसे कुशालगढ़ कहा जाता था। जयपुर के महाराज ने कुशालीराम तथा गंगाराम हल्दिया बंधुओं को कुशालगढ़ ईनाम में दिया था जो आगे चलकर गंगापुर कहा जाने लगा। हल्दिया बंधुओं ने कुशालगढ़ में सबसे पहले अपनी अराध्य देवी श्रीगंगाजी के मन्दिर का निर्माण करवाया जो आज भी मौजूद है। विधायक ने बताया कि हल्दिया बंधुओं ने नहरगढ़ का निर्माण करवाया। विधायक मानसिंह गुर्जर ने बताया कि उस समय कुशालगढ़ में बीचों-बीच हल्दिया बुंधुओं ने एक गढ़ का निर्माण करवाया जो सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था किन्तु इसकी सूचना मिलने पर जयपुर नरेश ने इस पर चढ़ाई कर दी किन्तु हल्दिया बंधुओं ने चतुराई से इसमें गोपीनाथ जी की मूर्ति पधरा दी। इस प्रकार किले को मन्दिर का रूप देकर उसे टूटने से बचा लिया गया। कहा जाता है कि गांव के मध्य एक कुण्ड भी हुआ करता था। हल्दिया बंधुओं द्वारा गढ़ और किलों का निर्माण करने से जयपुर महाराज नाराज हो गए। किन्तु जयपुर महाराज के दोबारा गंगापुर आने पर गंगापुर के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया और उन्हें यहां की प्रसिद्ध मिठाइयां खिलाई। गंगापुर सिटी में भौमिया जी का चबूतरा, रतिराम जी की छतरी, नागा बाबाओं की छावनी, रामबाग, तेरह हजारी मन्दिर, धार्मिक पृष्ठ भूमि के स्थल हैं। उन्होंने बताया कि कुशालगढ़ में हल्दिया बन्धुओं से पूर्व गुर्जर जमीदार रहा करते थे। गंगापुर सिटी में वर्तमान का गुर्जर मौहल्ला इसकी स्थापना के समय से ही बसा हुआ है।
विधायक ने बताया कि गंगापुर सिटी में प्राकृतिक रूप से कई दर्शनीय स्थल हैं। जिसमें धुन्धेश्वर धाम प्रमुख है। वर्तमान में धुन्धेश्वर धाम का जीर्णाेद्धार कार्य चल रहा है। यह कार्य जल्दी ही सम्पन्न हो जाएगा। इस कार्य के सम्पन्न होने पर धुन्धेश्वर धाम पर्यटकों के लिए एक भव्य और शानदार आकर्षण का केन्द्र बन जाएगा। प्राकृतिक दर्शनीय स्थल धुन्धेश्वर धाम में कानी खोह झरना, गुप्त गंगा, सन्तों की गुफा, रघुवर बाबा की कुण्डी आदि अत्यन्त दर्शनीय हैं। गंगापुर सिटी में पहली बार 1807 में ट्रेन आई थी। गंगापुर सिटी में भारत की उत्तर पश्चिम रेलवे की सबसे बड़ी रेलवे कॉलोनी है। गंगापुर सिटी भारत का एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र है। गंगापुर सिटी भारत की अग्रणी मण्डियों में से एक मण्ड़ी है। यहां से मुख्य रूप से सरसों, गेहूँ ,चने का व्यापार किया जाता है।