कुण्डेरा थाने में दर्ज मामले में ऑनलाइन गेम में पैसा हारने पर अपहरण की झूठी कहानी बनाने के आरोपी घनश्याम माली निवासी जमुलखेड़ा को मड़ाफिया चित्तौड़गढ़ में एक गेस्ट हाउस से अकेले गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार 1 जून को राजेश माली निवासी जमुलखेड़ा ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसक भाई घनश्याम 30 मई से लापता है एवं एक मोबाइल नम्बर से वाट्सएप्प काॅल, वाॅइस मैसेज आ रहे है कि जिसमें घनश्याम के रोने की आवाज एवं पैसे देने के लिए बोल रहे है, अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपहरण कर लिया है।
घटना की गम्भीरता को देखते हुए एएसपी सवाई माधोपुर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा, वृत्ताधिकारी राजवीर सिंह
चम्पावत के निर्देशन में थानाधिकारी रामवीर सिंह के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। गठित टीमों द्वारा अन्तिम उपस्थिति में अपहृत घनश्याम को देखने के लिए शहर के सीसीटीवी कैमरा देखे गये, जिसमें देखा गया कि रेल्वे स्टेशन के बाहर घनश्याम मोटरसाइकिल पर देखा गया, अकेला ही घूमते हुए पाया गया।
अपहृत घनश्याम की मोटरसाइकिल रेलवे स्टेशन पार्किग में खड़ी हुई पायी गई। तकनीकि अनुंसधान के आधार पर टीमों द्वारा अपहृत घनश्याम को चित्तौड़गढ़, उदयपुर, मन्दसौर, इन्दौर, उज्जैन, जोधपुर, रामदेवरा तक करीब 2500 किलोमीटर तक पीछा किया गया। पुलिस की विशेष टीम ने अपहृत घनश्याम के मड़ाफिया चितौड़गढ़ में गेस्ट हाउस से अकेले को दबोचने मे सफलता प्राप्त की।
ऑनलाइन गेम में पैसा हारने पर अपहरण की रची झूठी कहानी: अपहृत घनश्याम ने अपने स्वयं के अपहरण की झूठी कहानी रची। घनश्याम ऑनलाइन जूआ गेम खेलता था जिसमें वह करीब 5-7 लाख रूपये हार गया जिससे उसके कर्जा हो गया। कर्जा होने के कारण मानसिक तनाव में आ गया। घर वाले उसे पैसे नहीं देते थें जिसके कारण उसने अपने अपहरण की झूठी कहानी बनाई। अपनी मोटर साइकिल को रेलवे पार्किग में खड़ा कर बस से 30 मई को कोटा चला गया।
उसके बाद चित्तौड़गढ़ सांवलिया, उज्जैन महाकालेश्वर रामदेवरा इत्यादी धार्मिक स्थलों पर दर्शन कर घुमा। मोबाइल बन्द कर अन्य साधनों से व्हाट्स एप्प चलाता रहा। घर वालों को बोलता रहा कि एक पैर तोड़ दिया दूसरा भी तोड़ देंगे एवं मारने की धमकी देकर पैसे लेने के लिए काॅल करता रहा। पुलिस की टीमों द्वारा लगातार पांच दिन तक घनश्याम का पीछा किया गया। स्वयं के अपहरण की झूठी कहानी के लिए घनश्याम के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। पुलिस टीम में थानाधिकारी रामवीर सिंह, अजीत मोंगा सायबर, इन्द्रजीत सहायक उप निरीक्षक, दयाशंकर, गोविन्द धनराज, गोरधन व राजकुमार कांस्टेबल सायबर सेल आदि मौजूद रहे।