सरकारी शिक्षण संस्थाओं में अधिकारियों के निरीक्षण की रिपोर्टको सार्वजनिक करने के लिए समाजसेवियों द्वारा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन के अनुसार शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार राजकीय विद्यालयों, समन्वित आंगनबाड़ी, पूर्व प्राथमिक विद्यालयों के निरीक्षण एवं अवलोकन का उत्तर दायित्व शिक्षा विभाग के अधिकारी को निश्चित संख्या अनुसार निर्धारित किया गया है। जिसकी अनुपालना में सत्र 2018-19 में माह दिसंबर तक ब्लॉक एवं जिला स्तर के आधिकारियों ने एक भी निरीक्षण नहीं किया, तत्पश्चात मीडिया में समाचार प्रकाशित होने के बाद जनवरी माह में निर्धारित निरीक्षण लक्ष्य प्राप्ति के लिए राजकीय विद्यालयों के शीघ्रता से निरीक्षण किए जा रहे है। यहाँ यह आवश्यक है कि जनसामान्य से जुड़े बुनियादी शिक्षा, बालकों को पोषण जैसे महत्वपूर्ण विषय की प्रभावी मॉनिटरिंग होनी चाहिए और इसकी सूचना जन सामान्य के समक्ष सार्वजनिक माध्यम में भी होनी चाहिए।
ज्ञापन में बताया गया कि जिले में वर्तमान में हो रहे इन निरीक्षणों में यह देखने में आ रहा है कि निरीक्षण में आंगनबाड़ी एवं विद्यालयों में जो कमियाँ यथा विद्यार्थियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने, पोषाहार में कमी/गबन, शैक्षणिक अव्यवस्था व कम स्तर, राजकीय कोष को हानि तथा भ्रष्टाचार के अन्य मामले जो आंगनबाड़ी एवं विद्यालय में देखे जा रहे हैं। उन्हे निरीक्षण में आधिकारिक स्तर पर दर्ज नहीं किया जा रहा है और न ही निरीक्षण का कोई प्रतिवेदन/रिपोर्ट स्थानीय जन प्रतिनधि या विद्यालय एसएमसी/एसडीएमसी को बताया जाता है। ऐसे में ये निरीक्षण केवल खानपूर्ति ही है। दोषी अधिकारी/कर्मचारियों पर कोई मामला नहीं बन पाता और आंगनबाड़ी एवं शिक्षण संस्थानो की बदहाल हालत ज्यों की त्यों रह जाती है।
ज्ञापन में मांग की गई है कि शिक्षा एवं पोषण जैसे संवेदनशील आवश्यकता वाले विषय में प्रसंज्ञान लेकर शिक्षा विभाग सवाई माधोपुर के अधिकारियों को निर्देशित करे कि:
1. ब्लॉक एवं जिला स्तर के अधिकारी द्वारा राजकीय विद्यालय प्रत्येक निरीक्षण रिपोर्ट स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं एसएमसी/एसडीएमसी को उसी दिन निरीक्षण उपरांत उपलब्ध कराई जावे तथा प्रेस विज्ञप्ति स्थानीय समाचार पत्र एवं वेब मीडिया पर दी जावे ताकि गोपनीय रूप से किए गए इन निरीक्षणों के माध्यम से भ्रष्टाचार न हो सके ।
2.यह सुनिश्चिता हो कि जिन संस्था प्रधानो/कार्मिको को निरीक्षण में राज कार्य मे कोताही ,लापरवाही एवं गबन का आरोपी पाया गया है उन्हे नोटिस एवं चार्जशीट दी जावे और आरोप साबित होने पर नियमानुसार दंडित किया जावे।