जयपुर: जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) में एसीबी (ACB) की कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है। एसीबी ने गत शुक्रवार शाम को तहसीलदार, जेईएन, पटवारी सहित 7 लोगों को रि*श्वत लेते गिर*फ्तार किया था। जिसके बाद जेडीसी मंजू राजपाल ने 7 अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
जेडीसी ने निलंबित की कार्रवाई कर अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने-अपने मूल विभाग में भेज दिया है। इसके साथ ही लम्बे समय से तैनात जोन उपायुक्त के कामकाज में भी बदलाव किया है। जेडीसी ने उपायुक्त जेडीए सेवा गुलाब चंद, नायब तहसीलदार प्रतिनियुक्ति पर (पैतृक विभाग राजस्व मंडल) लक्ष्मी कांत गुप्ता, पटवारी प्रतिनियुक्ति पर (पैतृक विभाग जिला कलक्टर, जयपुर) राम शर्मा, कनिष्ठ अभियंता नगरीय विकास विभाग खेमराम मीणा, भू अभिलेख निरीक्षक प्रतिनियुक्ति पर (पैतृक विभाग जिला कलक्टर, जयपुर) रविकांत शर्मा, भू अभिलेख निरीक्षक प्रतिनियुक्ति पर (पैतृक विभाग जिला कलक्टर, जयपुर) रूक्मणी कुमारी और पटवारी प्रतिनियुक्ति पर (पैतृक विभाग जिला कलक्टर, जयपुर) विमला मीणा को निलंबित किया है।
निलंबन काल के दौरान निलंबित किए गए अधिकारी और कर्मचारी अपने पैतृक विभाग में उपस्थिती देंगे। उल्लेखनीय है कि एसीबी ने बीते शुक्रवार की शाम को जेडीए के जोन नंबर-9 में छापेमारी कर तहसीलदार, जेईएन, पटवारी सहित 7 लोगों को रि*श्वत लेते गिर*फ्तार किया था। टीम ने आरोपियों के कब्जे से रिश्वत के डेढ़ लाख रुपए भी जब्त किए हैं। जिसके बाद जेडीसी ने न सिर्फ एसीबी की गि*रफ्त में आए अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया है। बल्कि, लम्बे वक्त से काम – काज संभाल रहे उपायुक्त के जोन में भी बदलाव कर दिया है।