ग्राम लोरवाड़ा के विद्यालय में बाल आयोग की टीम को विद्यालय में बालकों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होने, अन्य व्यवस्थाओं का अभाव तथा स्टाफ में आपसी समन्वय नहीं होने की शिकायत मिली थी। टीम को अन्य अनियमितताएं मिलने पर आयोग द्वारा बैठक में इसकी समीक्षा की गई। राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने आयोग के सदस्यों के साथ बुधवार को विद्यालय का निरीक्षण किया तो सामने आया कि एक शिक्षक और प्रधानाध्यापक ने पूरे विद्यालय को आपसी संघर्ष का रणक्षेत्र बना रखा है। पूरे स्टाफ और विद्यार्थियों को भी गुटबाजी में बांट दिया है तथा पूरा समय शिक्षण के बजाय एक-दूसरे के खिलाफ वाक युद्ध, ग्रामीणों व अभिभावकों के पास लॉबिंग कर उनसे शिकायती पत्र लिखवाकर उच्चाधिकारियों को भेजने में बर्बाद कर रहे हैं।
कलेक्टर राजेन्द्र किशन द्वारा इस मामले को गंभीरता से लिया गया। उन्होंने गहन मंथन एवं विचार विमर्श के बाद लोरवाडा स्कूल की प्रधानाचार्य एवं शिक्षक को तत्काल प्रभाव से एपीओ करने के निर्देश मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को दिए। इस दौरान दोनों मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थिति देंगे। साथ ही एसडीएम सवाई माधोपुर की अध्यक्षता में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक एवं सहायक लेखाधिकारी की जांच टीम बनाकर तीन दिन में विद्यालय में पहुंचकर गहनता से जांच करने एवं निष्पक्ष रिपेार्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।