उज्ज्वला योजना केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार करें तथा लोगों को लकडी के ईंधन से खाना बनाने के बजाय गैस चूल्हे पर खाना बनाने के लिए प्रेरित एवं जागरूक करें। यह बात जिला कलेक्टर डॉ.एस.पी. सिंह ने उज्ज्वला योजना के संबंध में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिले के गैस एजेन्सियों के प्रतिनिधियों से कही।
जिले में 2 लाख 54 हजार 769 रसोई गैस के एक्टिव उपभोक्ता है। इनमें से 99 हजार 712 उपभोक्ताओं को उज्ज्वला योजना के तहत कनेक्शन जारी किया हुआ है। रसद विभाग के प्रवर्तन अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि उज्ज्वला कनेक्शन का रिफिल औसत चार से छह माह में हो रहा है। इस संबंध में उन्होंने बताया कि उज्ज्वला उपभोक्ताओं को रिफिल के लिए अधिक राशि नहीं देनी पड़े, इसके लिए पांच किलोग्राम के छोटे सिलेंडर भी एजेन्सियों पर ढाई सौ रूपए में उपलब्ध है।
कलेक्टर डॉ. सिंह ने बैठक में कहा कि घरों में महिलाएं चूल्हे पर खाना बनाती है तो धूएं से आंखों को नुकसान पहुंचता हैए पर्यावरण प्रदूषण होता है। उन्होंने इस संबंध में जागरूकता केम्प लगाने, सामाजिक सरोकार के माध्यम से प्रचार प्रसार करने, विद्यालयों में बालकों के माध्यम से जागरूकता पैदा करने तथा गैस चूल्हे का उपयोग करने के लिए प्रेरित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वातावरण निर्माण करने के लिए अभियान चलाएं, बालकों की गैस चूल्हे के उपयोग से लाभ विषय पर प्रतियोगिताएं करवाकर जागरूकता पैदा करें। बैठक में रसोई गैस डीएनओ निशांत नेगी, प्रवर्तन अधिकारी विनोद कुमार ने भी जिले में उज्ज्वला योजना की प्रगति तथा इस संबंध में किए जाने वाले कार्य पर विचार रखे। जिला कलेक्टर डॉ. सिंह ने गैस एजेन्सियों के प्रभारियों से सवाल जवाब कर उज्ज्वला योजना के बारे में लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए।
बैठक में जिले की गैस एजेन्सियों के प्रभारी, रसद विभाग के प्रवर्तन अधिकारी विनोद कुमार, प्रवर्तन निरीक्षक उपस्थित थे।