राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर के तत्वाधान में 10 जुलाई को ऑनलाईन/ऑफलाईन राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा। राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य आपराधिक/फौजदारी, दीवानी, 138 एन.आई. एक्ट के अन्तर्गत चैक अनादरण मामले, पारिवारिक/वैवाहिक मामले, पानी-बिजली के मामले, बैंक रिकवरी मामले, मोटर दुर्घटना क्लेम संबंधी मामले एवं प्रिलिटिगेशन स्तर के बैंक, जल, विद्युत, लोक सफाई एवं स्वच्छता, टेलीफोन बिल, परिवहन सेवा दोष संबंधी मामले, बीमा सेवा दोष संबंधी मामले, अस्पताल और औषधालय सेवा दोष संबंधी मामलों का आपसी समझाईश एवं राजीनामा के माध्यम से निस्तारण किया जावेगा। राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के संबंध में आज मंगलवार अश्वनी विज अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) सवाई माधोपुर के अवकाशागार में जिला मुख्यालय स्थित न्यायिक अधिकारीगण के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें अध्यक्ष महोदय द्वारा उपस्थित न्यायिक अधिकारीगण को इस वर्ष की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत के सफलतापूर्वक आयोजन तथा वर्तमान परिस्थितयों को दृष्टिगत रखते हुए लोक अदालत आयोजन के दिन आमजन की उपस्थित होने की स्थिति मेें केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की पालना के संबंध में निर्देश प्रदान किये गए।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लोक अदालत में रैफर प्रकरणों तथा व्यवस्थाओ के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान कीे गई। इस दौरान न्यायिक अधिकारीगण अपर जिला एंव सेशन न्यायाधीश महेन्द्र कुमार ढाबी, विशिष्ट न्यायाधीश अ.जा./अ.ज.जा. (अ.नि.) प्रकरण पल्लवी शर्मा, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सानुज कुलश्रेष्ठ, अति. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कृष्णा राकेश कांवत, सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजना अग्रवाल, अति. सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट हिमांशु गर्ग उपस्थित थे। लोक अदालत के माध्यम से आपसी सहमति से प्रकरणों का निस्तारण किया जाता है, जिससे किसी एक पक्ष की जीत या हार नहीं होने से पक्षकारों के मध्य आपसी सामंजस्य बना रहता है। लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निस्तारण होने से इसकी कोई अपील भी नहीं होती है। अतः आमजन से अपील की जाती है कि लोक अदालत के माध्यम से अधिकाधिक संख्यां में अपने-अपने प्रकरणों का अंतिम निस्तारण करवाकर इसका लाभ प्राप्त करें। पक्षकारान से अनुरोध है कि वे न्यायालय में उपस्थित होने की स्थिति में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के संबंध में जारी दिशा-निर्देशों की पालना भी सुनिश्चित करें।