एक कहावत है “चैरिटी बिगिंस एट होम” यानी परोपकार की शुरुआत अपने घर से होती है। एक और शब्द है, जिसे मंत्र बनाकर प्रधानमंत्री पूरे देश को एक मैसेज देते रहे हैं वह शब्द है “आत्मनिर्भर” फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के 200 उम्मीदवारों को आत्मनिर्भर का एक्सपीरियंस फर्स्ट हैंड हो रहा है। क्योंकि करीब 27 सीटें ऐसी हैं, जिस पर बागियों ने ताल ठोक रखी है, उनमें 19 नेता प्रमुख हैं। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने एक डैमेज कंट्रोल टीम तो बनाई है, लेकिन इस टीम का फिलहाल कोई असर नजर नहीं आ रहा। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल यह सब लोग अपने-अपने स्तर पर बागियों को मनाने का प्रयास कर चुके हैं। उन्हें फोन कर चुके हैं, लेकिन कोई खास सफलता उनके हाथ नहीं लगी।
भाजपा और कांग्रेस दोनों के बागियों ने आला नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है
राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस दोनों के बागियों ने आला नेताओं की परेशानी बढ़ा दी है। कई बागी या तो फोन बंद कर चुके हैं, जो बात कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि इस बार पार्टी ने कई ऐसे लोगों को टिकट दिया है। जिन्होंने पिछली बार पार्टी के सामने चुनाव लड़ा था। उनमें से कई तो तीसरे या दूसरे स्थान पर रहे थे। इस बार आप हमें भी निर्दलीय चुनाव लड़ने दीजिए। इस बहाने शायद अगली बार पार्टी हमें भी टिकट दे दे। यह आलम सिर्फ भारतीय जनता पार्टी में नहीं बल्कि, कांग्रेस में भी है। वहां पर भी बागियों को मनाने की पुरजोर कोशिश चल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और दिग्गज नेता मुकुल वासनिक फोन पर फोन घुमाए जा रहे हैं। बागियों से संपर्क साध रहे हैं, लेकिन कांग्रेस में भी किसी बागी की ओर से पर्चा वापस लेने जैसी कोई खबर नहीं आई है। बागियों में कुछ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी हैं। तो कुछ पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के करीबी हैं। कुछ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी हैं। उनके फोन कॉल से शायद नामांकन वापस हो सकता है, लेकिन अभी तक ऐसी कोई सक्सेस इन तीनों नेताओं को भी नहीं मिली है। वैसे शाम तक यह साफ हो जाएगा कि कौन-कौन उम्मीदवार मैदान में है। फिर दिवाली की फुलझड़ियां चलेंगी और उसके बाद चुनावी पटाखे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में गारंटी देकर जनता से वोट मांग रहे हैं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में गारंटी देकर जनता से वोट मांग रहे हैं। वहीं, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उदयपुर में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। अभी कुछ दिन पहले गृहमंत्री ने नावां और मकराना में अपने संबोधन में कन्हैयालाल को याद किया था। ऐसे में पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री भी कुछ ऐसा ही करेंगे। इसके साथ ही वह मोदी गारंटी भी दोहराएंगे। लेकिन प्रदेश की जनता इस बात की उम्मीद कर रही होगी कि प्रधानमंत्री उनके लिए क्या नई योजना लेकर आयेंगे। कांग्रेस ने मंगलवार को जयपुर से गारंटी यात्रा शुरू तो कर दी, लेकिन अब आगे का शेड्यूल क्या रहेगा। इसकी जानकारी नहीं आई है। हालांकि इस यात्रा के को-ऑर्डिनेटर कौन होंगे। यह सूची जरूर बाहर आ गई है। ऐसे में अब सबको इंतजार यह है की गारंटी देने वाली यह यात्रा कब-कब कहां तक पहुंचती है।