जिला कलेक्टर ने जनसुनवाई कार्यक्रम के सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित नहीं होने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार पंचायत के सहायक सचिव को भी नोटिस देने के निर्देश दिए।
जनसुनवाई के दौरान जिला कलेक्टर ने उपस्थित ग्रामीणों के साथ संवाद करते हुए कहा कि हमें युवा पीढी को नशामुक्त बनाने तथा बालकों को संस्कारवान बनाने के लिए मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने गांव के लोगों को योजनाओं के बारे में जानकारी दी तथा कहा योजनाओं का लाभ पात्र को मिले। जनसुनवाई कार्यक्रम में गांव के लोगों ने पचीपल्या के निकट लटिया नाले की टूटी रपट को सही करवाने की मांग की। पटवारी के नहीं मिलने की शिकायत पर उन्होंने पटवारी को मंगलवार एवं गुरूवार आटूण कलां में एवं अन्य दिन दूसरे हल्के में बैठकर लोगों के राजस्व से संबंधी कार्य निपटाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार बिजली के बिलों में गलत रीडिंग अंकित करने, बिल अधिक आने की शिकायतों का निस्तारण करने के लिए मौके ही बिजली निगम के अधिकारी को निर्देश दिए। पंचायत के गांवों के पानी की जनता जल योजना, हैंडपंपों में सिंगल फेज मोटर तथा बिजली के बकाया बिलों के संबंध में विकास अधिकारी को निर्देश दिए। ग्रामीणों ने पचीपल्या स्कूल के दो शिक्षकों को हटाने तथा भवन की जर्जर हालत के संबंध में शिकायत दर्ज करवाई। कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को शिकायतों की जांच करने तथा निराकरण के निर्देश दिए। इस मौके पर तहसीलदार सवाई माधोपुर मनीराम खींचड, विकास अधिकारी डॉ. सरोज बैरवा, सरपंच आटूण कलां सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे।
आंगनबाड़ी के बच्चों को खिलाया हलवा:
जिला कलेक्टर डॉ. एस.पी.सिंह ने आंगनबाड़ी केन्द्र पचीपल्या में पहुंचकर बालकों से संवाद किया तथा केन्द्र के छोटे छोटे बालकों को अपने हाथों से हलवा परोसकर खिलाया। आंगनबाडी केन्द्र के बालक कलेक्टर के हाथों से हलवा खाकर प्रसन्न नजर आए। यहां उन्होंने गांव के लोगों से संवाद करते हुए आगनबाड़ी केन्द्र के बालकों को अतिरिक्त पोषण एवं केलोरी मिले, इसके लिए ग्रामीणों, विद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारियों से अपने जीवन के खास दिन पर आवश्यक से रूप से आंगनबाड़ी के बालकों को विशेष भोजन खिलाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश का भविष्य नन्हे बालक स्वस्थ एवं मजबूत होगें तभी वे बडे होकर अच्छे एवं संस्कारवान नागरिक भी बनेंगे।
स्कूल में जांची शिक्षण की गुणवत्ता – प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को दिए स्तर सुधार के निर्देश:
जिला कलेक्टर ने पचीपल्या के राजकीय माध्यमिक विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण भी किया। यहां उन्होंने कक्षा 9 के बालकों का शिक्षण स्तर जांचा। कक्षा 9 के बालक अंग्रेजी के छोटे छोटे शब्दों की स्पेलिंग नहीं लिख पाए। कक्षा कक्ष में अंधेरा होने, चॉक की सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर कलेक्टर ने संस्था प्रधान को खरी खोटी सुनाते हुए व्यवस्थाएं दुरस्त करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने शिक्षण की गुणवत्ता कमजोर मिलने एवं व्यवस्था दुरस्त नहीं मिलने पर विद्यालय के स्टाफ के संवाद किया तथा कहा कि विद्यालय के बालक संस्कारवान बने, बालकों में अच्छी आदतों का विकास हो, शिक्षण की गुणवत्ता का स्तर सुधरे इसके लिए सभी शिक्षक मिलकर टीम वर्क के रूप में आपसी सहयोग एवं मिशन भाव से कार्य करें तथा नवाचार करते हुए विद्यालय के स्तर को सुधारें। उन्होंने शौचालय, स्कूल परिसर आदि की सफाई के संबंध में भी निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल में पानी की टंकी से पानी व्यर्थ नहीं बहे, इसके लिए बालकों को प्रेरित करने, सफाई आदि के संबंध में निर्देश दिए। वि़द्यालय में बिना अवकाश के अनुपस्थित रहे शिक्षक दिनेश मीना को नोटिस देने के निर्देश भी सीबीईओ को दिए।