केरल: कोच्चि तट के पास डूबे लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज एमएससी ईएलएसए-3 के डूबने से फैले तेल को अब नियंत्रण में कर लिया गया है। इसकी जानकारी भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने दी है। आईसीजी कोच्चि के प्रवक्ता कमांडर अतुल पिल्लई ने बीबीसी हिंदी को बताया कि आईसीजी ने यह सुनिश्चित किया है कि तेल का रिसाव केरल के तटों तक न पहुंचे। अब यह केवल कुछ जगहों पर ही दिखाई दे रहा है। जब यह कंटेनर जहाज दो दिन पहले डूबना शुरू हुआ, तो आईसीजी ने एक डॉर्नियर एयरक्राफ़्ट और अपने तीन जहाजों को तेल साफ करने के लिए भेजा।
शाम तक तेल का फैलाव 1.5 नॉटिकल मील से बढ़कर 2.2 नॉटिकल मील तक हो गया था। भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र के निदेशक डॉ. बालकृष्णन नायर ने बीबीसी हिंदी को बताया कि तेल का फैलाव अब कम हो गया है और इसके निशान दक्षिण-पूर्व दिशा में जा रहे हैं। जब समुद्र में लहरें तेज होती हैं, तो तेल जल्दी बिखर जाता है। ऐसी स्थिति में यह तटीय इलाकों तक नहीं पहुंचेगा। हालांकि, समुद्र में तैरते हुए कंटेनरों की समस्या अभी भी बनी हुई है।
लगभग 35 कंटेनर किनारे तक आ चुके हैं, जिनमें से कुछ खुले भी पाए गए हैं। डॉ. नायर कहते हैं कि कुछ कंटेनर कोल्लम और तिरुवनंतपुरम तक पहुंच चुके हैं। एक कंटेनर में कुछ सफेद बैग पाए गए। लेकिन अभी तक वे कंटेनर नहीं मिले हैं जिनमें कैल्शियम कार्बाइड जैसे खतरनाक रसायन थे। इस जहाज पर कुल 643 कंटेनर थे, जिनमें से 73 खाली थे। इनमें से 13 कंटेनरों में कैल्शियम कार्बाइड था, जो एक ऐसा रसायन है जो एसिटिलीन गैस छोड़ता है।
इसके अलावा जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल भी था। केरल सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे माइक से घोषणा करवाएं कि लोग समुद्र से बहकर आए किसी भी सामान के पास न जाएं। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जिला कलेक्टरों को यह बताया जाएगा कि समुद्र से बहकर आई वस्तुओं को कैसे संभालना है।