केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान के संस्क्रति एवं मीडिया स्टडीज विभाग ने महेश कुमार मीना ग्राम अजनोटी, सवाई माधोपुर को पीएचडी की उपाधि मिली है। उनका विषय हिंदी फिल्म उधोग में डिजिटल मोड़ के साथ विसुअल इफेक्ट्स का विश्लेषण रहा। उन्होंने संस्क्रति एवं जनसंचार माध्यम विभाग के डॉ. निकोलस लकडा के निर्देशन में पीएचडी की है। प्रोफेसर के.पी. जयशंकर, मीडिया एवं कल्चरल स्टडीज विभाग, सामाजिक विज्ञान संस्थान टाटा, मुम्बई एवं डॉ. अंकुरण दत्ता, विभाग अध्यक्ष, संचार और पत्रकारिता, गुहावटी विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन वीडियो परीक्षा के माध्यम से महेश कुमार मीना को पीएचडी की है।
महेश कुमार वर्तमान में केन्द्रीय विश्वविद्यालय पंजाब, बठिंडा में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सेवारत है। महेश कुमार केन्द्रीय विश्वविद्यालय राजस्थान के संस्क्रति एवं मीडिया स्टडीज विभाग में वर्ष 2013 राष्ट्रपति पदक से सम्मानित हुए थे। महेश कुमार ने गुरुग्राम में रहते हुए पदमश्री कोमल कोठारी के लोक संग्रहालय (रूपायन संस्थान, जोधपुर) के लोक संगीत को डिजिटल करने का काम अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडियन स्टडीज के ब्रिटिश लाइब्रेरी के संयुक्त तत्वाधान में किया। उन्होंने बॉलीवुड़ सिनेमा उधोग में टीवी सीरियल, शोर्ट फिल्म एवं फीचर फिल्मों में भी बतोर सहायक निदेशक का काम किया है। महेश कुमार एक गरीब किसान परिवार से आते है। जैसा कि महेश ने बताया कि वह लोक संस्कृतियों के बारे में डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्माण करना चाहता है।