जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि एक सशक्त और समृद्ध समाज के निर्माण में एनजीओ, सिविल सोसाइटी और उपभोक्ता मंच की अहम भूमिका है। इनका समाज पर बहुत गहरा प्रभाव होता है तथा वे राज्य सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बजट में प्रत्येक वर्ग की जरूरतों का समावेश कर सभी के सुझावों को यथासंभव समाहित करेगी जिससे सबका साथ, सबका विकास के संकल्प को गति मिले। सीएम शर्मा बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में एनजीओ, सिविल सोसाइटी और उपभोक्ता मंच के प्रतिनिधियों से बजट पूर्व चर्चा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एनजीओ, सिविल सोसाइटी एवं उपभोक्ता मंच जैसे संगठन अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं तथा इनके अनुभव का लाभ जनता को मिलना चाहिए।
गांवों का विकास राज्य की समृद्धि का आधार:
सीएम शर्मा ने कहा कि ग्रामीण विकास राज्य की समृद्धि में एक महत्वपूर्ण कड़ी है। हमारी सरकार गांवों के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मनरेगा के 20 करोड़ मानव दिवस को बढ़ाकर 27 करोड़ मानव दिवस किया गया है। अब तक 24 करोड़ से ज्यादा मानव दिवस का रोजगार दिया जा चुका है। साथ ही, योजना के तहत लगभग सभी श्रमिकों का भुगतान 15 दिन में किया जा रहा है।
महिला सशक्तीकरण के लिए राज्य सरकार निरंतर कर रही काम:
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि हम महिलाओं के सशक्तीकरण की दिशा में निरंतर कार्य कर रहे हैं। राजीविका के तहत राज्य में 20 हजार से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों का गठन हुआ है तथा लखपति दीदी योजना के तहत 14 लाख से ज्यादा महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किए हैं। राज्य सरकार स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी इन महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री में सहयोग भी दे रही है।
उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1 लाख 55 हजार से ज्यादा आवासों को स्वीकृति दी है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की समस्या को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के तहत बारां जिले में सहरिया जनजाति के लिए विशेष अभियान चलाकर 17 हजार से ज्यादा आवास स्वीकृत किए गए हैं।
बैठक में एनजीओ, सिविल सोसाइटी और उपभोक्ता मंच के प्रतिनिधियों ने स्वरोजगार केन्द्र स्थापित करने, न*शा मुक्ति केन्द्र खोलने, सिलिकोसिस बीमारी से रोकथाम, गांवों तक योजनाओं का प्रचार-प्रसार, बाल सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, घुमन्तू वर्गों को संबल, बालश्रम की रोकथाम हेतु कार्यवाही, स्वयं सहायता समूह, दिव्यांगों के लिए स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता, जेण्डर बजट, रिसर्च सेंटर फॉर कन्ज्यूमर केयर, प्रवासी श्रमिक बोर्ड का गठन, विमंदितों के लिए पुनर्वास गृह सहित विभिन्न विषयों पर अपनी राय रखी।
बैठक में अपना घर आश्रम, उमंग, सेवा भारती, नया सवेरा, भगवान महावीर चाइल्ड केयर, अलख फांउडेशन, प्रयास संस्थान, सेव द चिल्ड्रन, अक्षय पात्र फाउंडेशन, घुमन्तू जाति उत्थान न्यास सहित विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, पंचायती राज राज्य मंत्री ओटाराम देवासी, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय आलोक गुप्ता सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।