प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जिले के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में मंगलवार को गर्भवतियों की प्रसवपूर्व जांच की जाएगी। राजकीय सहित निजी चिकित्सक भी अपनी सेवाएं देंगे और गर्भवतियों की जांच कर उनका उपचार करेंगे।
गर्भावस्था व प्रसव के दौरान जोखिम कम करने और जननी व शिशु को सुरक्षित रखने के लिए चिकित्सा विभाग की ओर सेहर माह की 9 तारीख को अभियान का आयोजन किया जाता है। अवकाश होने की स्थिति में आयोजन 10 तारीख को किया जाता है। अभियान में स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ चिकित्सक गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच करते हैं और जरूरी उपचार करते हैं। इससे मातृ व शिशु मृृत्यु दर को रोकने में मदद मिल रही है। जिले के जिला चिकित्सालय, उप जिला चिकित्सालय, समस्त सीएचसी एवं पीएचसी पर गर्भवतियों की चिकित्सकों द्वारा जांचें की जाएगी। उच्च जोखिम वाली महिलाओं को आयरन सुक्रोज चढ़ाया जाता है व सभी गर्भवतियों की विभिन्न जांचे कर उन्हें दवाएं दी जाती है। आने वाली गर्भवतियों को चिन्हित कर उनका उपचार किया जाता है साथ ही किसी भी प्रकार की जटिलता पाए जाने पर 104 जननी एक्सप्रेस से उच्चतर संस्थान पर रेफर किया जाता है।
जरूरी है प्रसव पूर्व जांचें:-
गर्भावस्था और प्रसव के दौरान जोखिम के कारणों को समय पर पता लगाकर उन्हें रोककर मृत्युओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। प्रत्येक गर्भवती महिला को गुणवत्ता युक्त प्रसव पूर्व जांच सुविधाएं मिल सके इसी उद्देश्य के साथ भारत सरकार द्वारा संपूर्ण देश में प्रत्येक माह एक निश्चित दिन 9 तारीख को एएनसी सेवाएं देने हेतु प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) चलाया जा रहा हैं। ये सेवाएं स्वास्थ्य संस्थानों पर दी जा रही सेवाओं के अतिरिक्त हैं। अभियान में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक महिला की गर्भावस्था के दौरान दूसरी और तीसरी तिमाही तक गर्भवती महिला की कम से कम एक बार चिकित्सक द्वारा स्वास्थ्य जांच अवश्य हो जाए।
विभिन्न जांचे की जा रही निशुल्क:-
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. तेजराम मीना ने बताया कि अभियान के अंतर्गत सभी आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं निशुल्क मुहैया करवाई जाती हैं। गर्भवतियों को स्वास्थ्य संबंधी विस्तृत जानकारी दी जाती है। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच हेतु हीमोग्लोबिन, आर एच पाॅजिटिव, एचआईवी, एबीओ ग्रुपिंग, टीएलसी, डीएलसी, ईएसआर, यूरिन, एल्बुमिन शुगर चैक करने की व्यवस्था रखी जाती है, पीएचसी एवं उच्चतर संस्थानों पर एचआईवी व सिफलिस तथा जिला अस्पताल पर हाइपोथायराडिस्म जांच भी की जाती है। फीटल हार्ट माॅनिटर, वजन मापने की मशीन, थर्मामीटर, बीपी इंस्ट्रूमेंट, यूरिस्टिक, स्टेथेस्कोप आदि उपकरण, ममता कार्ड, आई एफ ए टेबलेट, कैल्सियम टैबलेट, एंटीबायोटिक व अन्य आवश्यक दवाएं उपलब्ध रखी जाती हैं।