Tuesday , 2 July 2024
Breaking News

अंगदान एवं प्रत्यारोण पर राज्य स्तरीय कार्यशाला शपथ में राजस्थान अव्वल

अंगदान करने में भी रचेंगे कीर्तिमान अंगदान बढ़ाने के लिए बनाया जाएगा रोडमैप – अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि राजस्थान भामाशाहों और दानदाताओं का प्रदेश है। दान करना यहां की संस्कृति में रचा-बसा है। विगत दिनों में जिस तरह से यहां अंगदान को लेकर जनचेतना बढ़ी है। अंगदान की शपथ लेने में राजस्थान देश में अव्वल है। अंगदान करने में भी राजस्थान को अव्वल बनाने के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा। सिंह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरूवार को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय अंगदान एवं प्रत्यारोपण आमुखीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के करीब 25 प्रतिशत नागरिकों ने अंगदान का संकल्प लिया है, जो एक रिकॉर्ड है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में अंगदान को लेकर आमजन में एक भावना पैदा हुई है। हमारा प्रयास होगा कि इस भावना को साकार रूप देकर अधिक से अधिक लोगों का जीवन बचाएं। प्रदेश में अंगदान हेतु बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जा रहा है, ताकि अंगों की मांग और उपलब्धता के अंतर को न्यूनतम स्तर पर लाया जाए। हमारा यह भी प्रयास है कि अंगदान करने और प्रत्यारोण करवाने, दोनों की ही प्रक्रिया सरलतम हो। शुभ्रा सिंह ने कहा कि राजस्थान किसी समय चिकित्सा की दृष्टि से बीमारू श्रेणी में था, लेकिन अब प्रदेश में अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं। राजनीतिक नेतृत्व की प्रतिबद्धता के कारण स्वास्थ्य के क्षेत्र को लेकर अब संसाधनों की कोई कमी नहीं है। प्रदेश में 7 प्रतिशत से अधिक बजट स्वास्थ्य सेवाओं को सृदृढ़ करने पर खर्च किया जा रहा है।
राजस्थान आज मातृ मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सहित अन्य स्वास्थ्य मानकों को लेकर बेहतर स्थिति में है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए चिकित्सा संस्थानों का अभियान चलाकर निरीक्षण किया जा रहा है। विगत तीन सप्ताह में 2500 से अधिक निरीक्षण किए गए हैं। चिकित्सा शिक्षा आयुक्त शिवप्रसाद नकाते ने कहा कि कुछ वर्षों पहले तक राजस्थान में अंगदान को लेकर जनचेतना नगण्य थी। अब स्थिति बदली है और लोग आगे आकर अंगदान के लिए संकल्प ले रहे हैं। राज्य सरकार प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में अंगदान के लिए सुविधाएं विकसित कर रही है, ताकि अंगदान करने वालों की संख्या बढे़। उन्होंने कहा कि अंगदान करने वाले तथा अंग प्राप्त करने वालों के बीच सूचनाओं का समुचित सम्प्रेषण करने के लिए तकनीक आधारित सिस्टम विकसित किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अंगदान के प्रति जागरूकता के साथ-साथ यह जरूरी है कि ऑर्गन फेल्योर की स्थिति नहीं बने। इसके लिए जरूरी है व्यक्ति स्वस्थ जीवन शैली और स्वस्थ खान-पान के लिए प्रेरित हो।
Rajasthan tops in state level workshop oath on organ donation and transplantation
प्रदेश में इसके लिए आज से शुद्ध आहार, मिलावट पर वार अभियान की शुरूआत की गई है। इस अभियान के माध्यम से लोगों को मिलावट से बचने के लिए न केवल जागरूक किया जाएगा, बल्कि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। नेशनल ऑर्गन एण्ड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (नोटो) के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि देश में अंगदान का प्रतिशत बढ़ रहा है, लेकिन अभी भी भ्रांतियों और मिथकों के चलते मृत्यु के उपरांत अंगदान करने वालों की संख्या बेहद कम है। कुल अंगदान में से मात्र 2 प्रतिशत अंगदान ऐसे हैं, जो मृत्यु उपरांत किए गए हैं। मृत्यु के बाद अंगदान को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि ब्रेन स्टेम डेड व्यक्ति के परिवारजनों की काउंसलिंग कर उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति के अंगदान से 8 से 9 लोगों को जीवनदान मिलता है।
उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 2 लाख नए लोग अंग प्रत्यारोण की प्रतीक्षा सूची में जुड़ जाते हैं, जबकि हर वर्ष मांग की तुलना में मात्र 5 प्रतिशत लोगों का अंग प्रत्यारोपण संभव हो पाता है। उन्होंने बताया कि अब अंगदान के लिए राज्यों के अधिवास की शर्त को हटा दिया गया है। अब देश में कहीं भी अंग प्राप्त करने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकता है। ऑगर्न ट्रांसप्लांट के लिए पॉलिसी बनाई गई है। अंगों के सुगम परिवहन के लिए हर एयरपोर्ट पर नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की गई है। केंद्र सरकार का प्रयास है कि हर राज्य में कम से कम एक मल्टी ऑर्गन ट्रांसप्लांट सेंटर संचालित हो। मोहन फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. सुनील श्रॉफ ने कहा कि राजस्थान में अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए सार्थक पहल हुई है। राजस्थान ऐसा पहला प्रदेश है, जहां ड्राइविंग लाइसेंस पर अंगदान की इच्छा प्रकट करने का विकल्प दिया गया है। अब तक 4 लाख लोगों ने ड्राइविंग लाइसेंस के माध्यम से इस संकल्प को अपनाया है।
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि हर वर्ष 6 लाख लोग सही समय पर अंग नहीं मिलने के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। उन्होंने अंगदान की चुनौतियों और भ्रांतियों के संबंध में भी जानकारी दी। निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने आभार व्यक्त किया। इससे पहले संयुक्त निदेशक डॉ. एसएन धौलपुरिया ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी एवं निदेशक आरसीएच डॉ. लोकेश चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में चिकित्सा विशेषज्ञ, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं अंगदान व प्रत्यारोण के क्षेत्र से जुडे़ लोग उपस्थित थे।  कार्यशाला में विभिन्न तकनीकी सत्रों में ब्रेन डेथ आइडेंटिफिकेशन एण्ड सर्टिफिकेशन, ब्रेन डेथ मेंटीनेंस, ट्रांसप्लांट लॉ, किडनी, लिवर, हार्ट एण्ड लंग ट्रांसप्लांट सहित इससे जुडे़ विषयों पर गहन चर्चा की गई।

About Vikalp Times Desk

Check Also

विधिक सहायता एवं सचल लोक अदालत मोबाइल वैन को दिखाई हरी झण्डी

सवाई माधोपुर:- राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सवाई …

केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा – हम पहले हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार करेंगे

नई दिल्ली:- दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत पर रोक लगाने के फैसले के खिलाफ सीएम अरविंद …

संसद सत्र के पहले दिन ही इंडिया गठबंधन ने किया विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली:- 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन ही इंडिया गठबंधन के नेताओं …

सरकार चलाने के लिए बहुमत, देश चलाने के लिए सहमति जरूरी : पीएम मोदी

नई दिल्ली:- 18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने …

विभिन्न मुद्दों को लेकर कोटा में आज कांग्रेस का बड़ा विरोध प्रदर्शन

विभिन्न मुद्दों को लेकर कोटा में आज कांग्रेस का बड़ा विरोध प्रदर्शन       …

error: Content is protected !! Contact Vikalp Times Team !
Exit mobile version