Saturday , 6 July 2024
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तो क्या भाजपा राजस्थान से सभी चौबीस लोकसभा सांसदों को उतार देगी विधानसभा चुनाव में ?

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी के भी विधायक का चुनाव लड़ने की चर्चा 

 

9 अक्टूबर को भाजपा में राजस्थान के जिन 41 उम्मीदवारों की घोषणा की है, उसमें लोकसभा के छह सांसद शामिल हैं। जब 41 में से 6 सांसद उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं, तो फिर शेष 159 उम्मीदवारों में प्रदेश के शेष 18 लोकसभा सांसदों को भी विधायक के लिए मैदान में उतारा जा सकता है। 9 अक्टूबर को जिन छह सांसदों को उम्मीदवार बनाया गया उनमें राज्यवर्धन सिंह राठौड़ झोटवाड़ा, दीया कुमारी विद्याधर नगर, बाबा बालक नाथ तिजारा, भागीरथ चौधरी किशनगढ़, नरेंद्र कुमार मंडावा और देवजी पटेल सांचोर है। भाजपा की पिछले एक वर्ष की गतिविधियों को देखा जाए तो ये सभी सांसद प्रदेश की राजनीति में कुछ ज्यादा ही सक्रिय नजर आए।

 

 

जानकार सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के चयन में अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव की रणनीति भी ध्यान में रखी गई है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा मतदाताओं के सामने रखा है, जबकि विपक्ष ने मोदी के मुकाबले एक बड़ा और प्रभावी चेहरा नहीं रहा। ऐसे में लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार की जीत आसान होती है। 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार चार लाख से भी अधिक मतों के अंतर से जीते हैं। ऐसे में मोदी की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन इसके विपरीत विधानसभा चुनाव में राज्यों में विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।

 

So will BJP field all twenty-four Lok Sabha MPs from Rajasthan in the assembly elections

 

ऐसे में भाजपा को अनेक मुश्किल होगी। 2018 के चुनावों में भी भाजपा को राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन वहीं छह माह बाद हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा को इन्हीं राज्यों में जबरदस्त सफलता मिली। इससे विधानसभा और लोकसभा के चुनावों का अध्ययन किया जा सकता है। भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं का यह मानना रहा कि जो नेता मोदी के चेहरे पर सांसद बने उन्हें अब अपने चेहरे पर विधानसभा का चुनाव जीतना चाहिए। यही वजह रही कि 41 उम्मीदवारों में छह लोकसभा के सांसद हैं। भजपा की अन्य सूचियों में भी अनेक सांसद विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार हो सकते हैं। अभी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के जोधपुर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने चुनाव लडऩे की चर्चा जोरों पर है।

 

 

इसी प्रकार केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और कैलाश चौधरी को भी विधानसभा का चुनाव लड़ाने की चर्चा है। जानकार सूत्रों के अनुसार लोकसभा के चुनाव में युवा और नए चेहरों को मौका दिया जाएगा। सवाल यह भी है कि यदि अधिकांश सांसद चुनाव लड़कर विधायक बनेंगे तो फिर बहुमत मिलने पर मंत्री पद को लेकर जबरदस्त खींचतान होगी। अधिकांश सांसद दो बार चुनाव जीते हैं। नेता यह नहीं चाहेगा कि सांसद के बाद विधायक बना रहे, जो सांसद अभी विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं, उनकी नजर राज्य में मंत्री पद पर लगी हुई है। (एसपी मित्तल, ब्लॉगर)

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