सवाई माधोपुर जिले की पुलिस ने बहुचर्चित मामले जुनागढ़ महल के मैनेजर के अपहरण मामले का खुलासा करते हुए वारदात में शामिल आठ बदमाशों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। सवाई माधोपुर जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अगरवाला ने आज शनिवार को प्रेस वार्ता कर बताया कि गत 12 फरवरी को रात्रि करीब 9 बजे शेरपुर हेलीपैड के पास जुनागढ़ महल होटल के जनरल मैनेजर अभिजीत बनर्जी अपनी स्विफ्ट कार में अपने साथी नरेन्द्र मीणा के साथ बैठ कर मोबाील पर अपनी पत्नी से बात कर रहा था। उसी समय कुछ व्यक्ति मोटर साइकिल पर आये और कुछ समय बाद 5-6 व्यक्ति और आये। जिन्होंने जीएम अभिजित बनर्जी के साथ मारपीट शुरू कर दी और गाड़ी मे पटक दिया परन्तु नरेन्द्र मीणा गाड़ी फाटक को धक्का देकर भाग गया। अज्ञात बदमाश जीएम मैनेजर का उनकी कार यूपी 16 ए क्यू 7706 में डाल कर ले गये। जिस पर मामला दर्ज किया गया था।
पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अगरवाला ने बताया कि महानिरीक्षक पुलिस भरतपुर रेंज, भरतपुर गौरव श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में सम्पूर्ण रेंज में नाकाबन्दी करवाई गई एवं पुलिस अधिकारियों को इस अपहरण की वारदात में त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये गये। पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा के नेतृत्व में विभिन्न टीमों का गठन किया गया। पुलिस द्वारा गाडी़ की नाकाबन्दी, अपहृत व्यक्ति की दिनचर्या, चरित्र, रंजीश विवाद, व्यवसाय, अपहृत व्यक्ति की छवि के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीमों द्वारा मुखबिर तंत्र एवं तकनिकी संसाधनों पर काम करना प्रारम्भ किया। पूर्व मे चालानशुदा अपराधियों से भी पूछताछ करना शुरू किया गया। सभी टीमों के सार्थक प्रयास के उपरान्त सामने आया कि अपहरण की वारदात फिरौती के लिए की गई है।
पुलिस की टीमों द्वारा 13 फरवरी को अभिजीत को ढुंढ लिया गया। जिला पुलिस अधीक्षक अगरवाला ने बताया कि इस गैंग के सदस्यों को नामजद कर बदमाशों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन साईलेन्ट राउण्ड अप चलाया गया। इसका नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर हिमांशु शर्मा, वृताधिकारी राजवीर सिंह चम्पावत द्वारा किया गया। ऑपरेशन की सफलता के लिए तीन अलग-अलग टीमें बनाई गई। कोतवाली थानाधिकारी चन्द्रभान सिंह एवं कुण्डेरा थानाधिकारी रामवीर सिंह को टाॅस्क दिया गया। रेकी में लिप्त एवं सहयोग करने वाले अपराधियों को पकड़ना, अपहरण की वारदात शामिल मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक स्पेशल टीम चुनिन्दा पुलिसकर्मियों की बनाई गई। मुखबिर से प्राप्त सूचना व तकनिकी संसाधनों से सवाई माधोपुर पुलिस ने सफलता पूवर्क आरोपियों को विभिन्न स्थानों से राउण्ड अप किया गया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सायबर सेल के सहायक उप निरीक्षक अजीत मोगा का इस प्रकरण के खुलासे में विशेष योगदान रहा।
पुलिस द्वारा मामले में गिरफ्तार आरोपियों में 5 बापर्दा आरोपियों के अलावा विशाल पुत्र रमेश सोनी जयपुर, रामभजन पुत्र जगनलाल मीना खिलचीपुर तथा बन्दी पुत्र रामजीलाल मीना खिलचीपुर शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पूछताछ में आरापियो ने बताया कि गिराफ्तार आरोपियों में से दो मुख्य आरोपियों ने पैसे की तंगी के मध्यनजर दोनों वारदात से करीब एक सप्ताह पहले आलनपुर में एक कमरा किराया लिया। इसके बाद शेरपुर हेलीपैड पर एक व्यक्ति के कार में अक्सर आने तथा मोबाइल पर लगे रहने की जानकारी मिलने पर इस व्यक्ति के अपहरण की योजना बनाई एवं कार की रेकी करना प्रारम्भ किया। इसके बाद अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर अभिजीत बनर्जी को कार में डालकर श्योपुर के जंगलों में ले गये और रात भर गाड़ी मे बैठा कर रखा तथा उसके साथ गम्भीर मारपीट की। वारदात के बाद अभियुक्तों ने विशाल सोनी निवासी जयपुर के साथ फरारी काटी। बदमाशों द्वारा विभिन्न राज्यों के अलग-अलग बैंक अकाउंट में फिरौती राशि डलवाई गई।
जिससे इनकी पहचान नहीं हो सके एवं पकड़ में भी नहीं आये। फिरौती की रकम प्राप्त करने के पश्चात आरोपियों ने कोटा, उज्जेन, इन्दौर, खरगौन, पुष्कर, अजमेर एवं जयपुर में फरारी काटी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अपराधियों के विरूद्व मारपीट, लूट एवं आर्म्स एक्ट के प्रकरण जयपुर, बूंदी, सवाई माधोपुर के विभिन्न थानों में पंजीबद्व है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में वृताधिकारी सवाईमाधोपुर शहर राजवीर सिंह चम्पावत, थानाधिकारी कोतवाली चन्द्रभान सिंह, कुण्डेरा थानाधिकारी रामवीर सिंह, सहायक उप निरीक्षक अब्दुल रहमान, हेड कांस्टेबल मुकेश, हेड कांस्टेबल अवधेश, हेड कांस्टेबल विजय सिंह, कांस्टेबल लख्मीचन्द, कांस्टेबल जनार्दन, कांस्टेबल हरिसिंह, कांस्टेबल पुरूषोतम, कांस्टेबल धनराज, कांस्टेबल जयदेव, कांस्टेबल राजेश, कांस्टेबल गोविन्द, हेड कांस्टेबल मनीष, कांस्टेबल दयाराम, कांस्टेबल कुलदीप, कांस्टेबल जगमोहन, कांस्टेबल नवलकिशोंर, कांस्टेबल मुकेश एवं सायबर टीम के हेड कांस्टेबल महेन्द्र, कांस्टेबल राजकुमार शामिल रहे।