जयपुर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि राजस्थान में बन रहा आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए विकसित राजस्थान बनाने का संकल्प पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि
संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल परियोजना राजस्थान को सुजलाम सुफलाम बनाने की परियोजना है। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान विकसित होगा, तो भारत भी तेजी से विकसित होगा। आने वाले वर्षों में डबल इंजन की सरकार और तेज गति से काम करते हुए राजस्थान के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।
एमपीकेसी परियोजना से राजस्थान और मध्य प्रदेश के विकास में आएगी तेजी:
प्रधानमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में हमारी सरकार बनने के बाद हुए संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल (एमपीकेसी) लिंक परियोजना से चंबल और इसकी सहायक नदियां पार्वती, कालीसिंध, कुनो, बनास, बाणगंगा, रूपरेल, गंभीरी और मेज जैसी नदियों का पानी आपस में जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने पर राजस्थान में विकास के लिए पर्याप्त पानी होगा। इससे राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों के विकास में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि ताजेवाला से शेखावाटी के लिए पानी लाने के समझौते से भी हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों को फायदा होगा।
सवा तीन करोड़ लोगों को मिलेगा पीने का पानी:
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना से राजस्थान के 21 जिलों में रहने वाले लगभग सवा तीन करोड़ लोगों को सुलभ पेयजल की उपलब्धता के साथ साथ लगभग ढाई लाख़ हैक्टयर नये क्षेत्र में सिंचाई तथा लगभग डेढ़ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हेतु अतिरिक्त पानी की व्यवस्था हो सकेगी। साथ ही इन जिलों में स्थापित होने वाले उद्योगों को भी आवश्यकता के अनुरूप पानी मिल सकेगा।
प्रधानमंत्री ने इस समारोह में 46,365 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।
इन परियोजनाओं का हुआ शिलान्यास:
- 9416 करोड़ की लागत से कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्बती नदी पर महलपुर बैराज एवं चम्बल नदी पर जलसेतु (एक्वाडक्ट) सहित नवनेरा बैराज से बीसलपुर बांध तथा ईसरदा बांध में जल अपवर्तन तंत्र निर्माण।
- 676 करोड़ रुपए की लागत से धौलपुर से भरतपुर-डीग-कुम्हेर-नगर-कामां और पहाड़ी तक पेयजल ट्रांसमिशन एवं चंबल- धौलपुर-भरतपुर रेट्रोफिटिंग का कार्य।
- 2,522 करोड़ रुपए की लागत से सरकारी कार्यालय भवनों पर रूफटॉप सोलर संयत्रों की स्थापना।
- 1,200 करोड़ रुपए की लागत से पूगल (बीकानेर) में आरवीयूएनएल के 2000 मेगावाट सोलर पार्क का विकास
- 590 करोड़ रुपए की लागत से एक हजार मेगावॉट पूगल सोलर पार्क फेज प्रथम।
- 588 करोड़ रुपए की लागत से एक हजार मेगावॉट पूगल सोलर पार्क फेज द्वितीय।
- 1382 करोड़ रुपए की लागत से भड़ला -3 और बीकानेर -3 कॉम्पलेक्स के इन्टरकनेक्शन के लिए ट्रांसमिशन सिस्टम हेतु प्रसारण तंत्र का सदृढीकरण।
- 13028 करोड़ रुपए की लागत से पावरग्रिड के राजस्थान रिन्यूएबल एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिये प्रसारण तंत्र हेतु विभिन्न फेज के 5 कार्य।
- 5922 करोड़ रुपए की लागत से लूनी-समदड़ी-भीलड़ी रेलमार्ग, अजमेर-चंदेरिया (चित्तौडगढ़) रेलमार्ग एवं जयपुर-सवाई माधोपुर
- रेलमार्ग के दोहरीकरण का कार्य।
इन परियोजनाओं का लोकार्पण:
- 1069 करोड़ रुपए की लागत से कालीसिंध नदी पर निर्मित नवनेरा बैराज।
- 764 करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट विद्युत ट्रांसमिशन नेटवर्क एवं असेट मैनेजमेन्ट सिस्टम का कार्यान्वयन
- 5,039 करोड़ रुपए की लागत से पावरग्रिड के सोलर एनर्जी जोन से बिजली निकासी के लिये प्रसारण तंत्र सुदृढ़ीकरण के फेज-2 के 3 कार्य।
- 1420 करोड़ रुपए की लागत से 8-लेन दिल्ली-वडोदरा ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसव के मेज नदी-एसएच-37 ए जंक्शन (पैकेज 12) खण्ड का लोकार्पण।
- 1308 करोड़ रुपए की लागत से 4-लेन जोधपुर रिंग रोड डांगियावास-जाजीवाल (पैकेज-1) खण्ड का लोकार्पण।
- 839 करोड़ रुपए की लागत से 6-लेन अमृतसर-जामनगर ग्रीनफील्ड इकोनॉमिक कॉरिडोर देवगढ़-राजस्थान/गुजरात सीमा (पैकेज 8) खण्ड का लोकार्पण।
- 602 करोड़ रुपए की लागत से भीलड़ी- समदड़ी- लूनी-जोधपुर-मेड़ता रोड-डेगाना-रतनगढ़ रेलमार्ग के विद्युतीकरण कार्य।
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