शिवाड़ क्षेत्र में बारिश से सभी नदी नालों में उफान से 16 फीट भराव क्षमता वाले ढील बांध लबालब होने के साथ ढील बांध पर करीबन डेढ़ फिट की चादर चल रही है। वही बनास नदी रपट पर लगभग 2 फीट पानी का बहाव होने से यातायात सुविधाएं बंद है। जिसके चलते शिवाड़, सारसोप, ईसरदा, महापुरा, तापुर पंचायतों के डेढ़ दर्जन गांव ढाणियों का सड़क मार्ग तहसील व जिला मुख्यालय से संपर्क कट चुका है।
महापुरा गांव टापू बनने से वहां कच्चे घर व जीर्णशीर्ण मकान ढ़हने लगे हैं। ढील बांध पर चादर के चलने से ऊपर से गिरता हुआ पानी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने लगा है। वहीं शिवाड़ महापुरा ईसरदा चौथ का बरवाड़ा सहित क्षेत्र के सभी छोटे बड़े जलाशयों एवं तालतला इयों में चादर चलने से खेतों में पानी भर जाने जिधर देखो उधर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है।
खेतों में फसलें पानी में डूब चुकी है जिससे किसानों को फसलें खराब होने की चिंता के साथ मवेशियों के चारे का संकट गहरा गया है। रामराय चौधरी ने बताया कि ढील बांध में 3 साल बाद चादर चलने से बिखरी प्राकृतिक छटा को देखने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। लोगों की भीड़ को देखते हुए शिवाड़ पुलिस चौकी स्टाफ भी चौकन्ना है।
क्षेत्र के गांव एवं ढाणियों में पानी भर जाने से कच्चे मार्ग बंद होने के कारण छात्र-छात्राओं को विद्यालय में जाने से परेशानी उठानी पड़ रही है। आज दिनभर काली घटाएं छाए रहने के साथ रिमझिम बारिश का दौर रुक रुक कर चलता रहा। दो दिन से क्षेत्र में सूर्यनारायण भगवान के दर्शन तक नहीं हो सके हैं।