देश के केरल, कर्नाटक, तमिलनाडू, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में कोविड केसेज की संख्या में वृद्धि व नये वैरियन्ट जेएन.1 भी पाया गया है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले के सरकारी चिकित्सा संस्थानों पर कोविड-19 रोग की रोकथाम व नियंत्रण हेतु आवश्यक संसाधन, जांच व उपचार सुविधा का पूर्वाभ्यास (मॉक ड्रिल) कर आंकलन किया गया। किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए जिले का स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से मुस्तैद है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. धर्मसिंह मीना ने बताया कि जिले के चिकित्सा संस्थानों में मॉक ड्रिल के माध्यम से पूर्वाभ्यास कर उपलब्ध संसाधनों की व्यवस्था जांची गई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोविड़ स्वास्थ्य सेवाओं व ऑक्सिजन प्लांट्स का मॉक ड्रिल कर ऑक्सीजन सिलेण्डर, आवश्यक दवाओं, आइसोलेटेड बेड्स, वेंटिलेटर आदि की स्थिति को परखा। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट जेएन.1 को जिले में फैलने से रोकने के लिए बेहतर कार्य योजना बनाने हेतु राज्य सरकार के निर्देश पर स्वास्थ्य सेवाओं का मॉक ड्रिल किया गया।
जिला, खण्ड स्तरीय अधिकारियों ने अपने अधीन आने वाले स्वास्थ्य केंद्रो पर विजिट कर दवा, ऑक्सीजन, सिलेण्डर, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की स्थिति, बेडस की स्थिति एवं अन्य आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता का भौतिक सत्यापन किया गया। उन्होंने बताया कि बाहर से आने वाले लोगो तथा आईएलआई मरीजों की सैंपलिंग करवाई जा रही है। उपचार के लिए आवश्यक दवाओं की किट तैयार करवाकर एएनएम, आशा सहयोगिनी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आवश्यकता अनुसार वितरित करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि कोरोना का संक्रमण बढ़ने की स्थिति में बेहतर उपचार के लिए जिला अस्पताल सहित जिले के प्रत्येक सीएचसी व पीएचसी पर आवश्यक रूप से आक्सीजन सिलेंडर, कन्सन्ट्रेटर की पर्याप्त व्यवस्था है।
इसके साथ ही जिले के सभी चिकित्सकों को अलर्ट कर दिया गया है और सर्दी खांसी, श्वास लेने में तकलीफ होने पर मरीजों की कोरोना जांच करवाने के निर्देश दिए हैं। ओपीडी में आने वाले श्वसन रोग के मरीजों पर निगरानी रखी जाए, श्वसन संबंधी संदिग्ध रोगी की आरटीपीसीआर द्वारा जांच करवाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सा विभाग ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि आईएलआई के रोगियों को जिन्हें सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार व गला खराब की तकलीफ है वे दूसरे लोगों से दूरी बनाकर रखें और भीडभाड वाले या बंद स्थानों और दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क अवश्य पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग फिर से आदत डालें।