भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 को पूर्ण निष्पक्षता, स्वतंत्रता एवं शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने में मीडिया के सहयोग एवं भागीदारी के उद्देश्य से उप जिला निर्वाचन अधिकारी जगदीश आर्य ने आज सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में प्रेस वार्ता आयोजित हुई। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिन्ट मीडिया के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकसभा आम चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता के प्रावधान लागू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जन प्रतिनिधियों से संबंधित विज्ञापन प्रचार सामग्री हटाने की कार्यवाही 24, 48 घण्टे में की जाने वाली कार्यवाही सम्पन्न हो चुकी है। वहीं 72 घण्टे में की जाने वाली कार्यवाही जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों के लिए 19 अप्रैल एवं 26 अप्रैल, 2024 को दो चरणों मतदान होगा। टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट का चुनाव द्वितीय चरण में होगा जिसके अन्तर्गत 28 मार्च को नोटिफिकेशन जारी होगा। वहीं 4 अप्रैल तक नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए जा सकेंगे।
नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा 5 अप्रैल को होगी। वहीं 8 अप्रैल को उम्मीदवार अपने नाम निर्देशन पत्र वापिस ले सकेंगे। सम्पूर्ण लोकसभा क्षेत्र में 26 अप्रैल को मतदान होगा। 4 जून, 2024 को मतगणना होगी। उन्होंने बताया कि जिले में 957 सामान्य एवं 26 सहायक मतदान केन्द्रों को मिलाकर कुल 983 मतदान केन्द्रों पर 10 लाख 19 हजार 45 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। जिसमें पुरूष मतदाता 5 लाख 43 हजार 704 एवं महिला मतदाता 4 लाख 75 हजार 332 है। वहीं 9 ट्रांसजेण्डर मतदाता, 10 हजार 40 विशेषयोग्यजन मतदाता, 18 से 19 आयु वर्ग के 30 हजार 816 मतदाता, 20 से 29 आयु वर्ग के 2 लाख 52 हजार 831 मतदाता है। वहीं 80 वर्ष से अधिक आयु के 21 हजार 566 एवं 100 वर्ष से अधिक आयु के 307 मतदाता है।
बिना अधिप्रमाणन के राजनीतिक विज्ञापन नहीं:- उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में बिना अधिप्रमाणन विज्ञापन नहीं प्रसारित किए जा सकेंगे। ई-पेपर में प्रकाशित विज्ञापनों, बल्क एसएमएस, मोबाइल वैन पर प्रसारित होने वाली सामग्री का भी अधिप्रमाणन आवश्यक होगा। मतदान दिवस तथा मतदान दिवस के पूर्व दिवस को प्रिंट मीडिया में प्रकाशित होने वाले विज्ञापनों का भी अधिप्रमाणन जरूरी होगा। उप निदेशक सूचन एवं जनसम्पर्क हेमन्त सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा आम चुनाव 2024 के दौरान प्रशासन की जिले में पेड न्यूज और विज्ञापनों पर नजर रहेगी।
स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने पेड न्यूज, फेक न्यूज तथा राजनीतिक विज्ञापन अधिप्रमाणन को लेकर निर्देश जारी किए हैं। इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया, केबल के साथ-साथ सोशल मीडिया पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री पर भी निगरानी रखी जा रही है। किसी भी प्रकार की फेक न्यूज अथवा एमसीसी का उल्लंघन करने वाली पोस्ट किए जाने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
पेड न्यूज का खर्च जुड़ेगा प्रत्याशी के खाते में:- उप निदेशक ने बताया कि पेड न्यूज पर निगरानी के लिए सूचना केंद्र में एकीकृत नियंत्रण कक्ष संचालित किया जा रहा है। संदेहास्पद “पेड न्यूज” की जानकारी मिलने पर, शिकायत के आधार पर एवं स्वप्रेरणा से संज्ञान लिया जाएगा। प्रकरण दृष्टिगत होने पर जिला स्तरीय एमसीएमसी के निर्देश पर लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा 96 घंटों के अंदर संबंधित प्रत्याशी को नोटिस जारी किया जाएगा।
नोटिस प्राप्ति के समय के 48 घंटों के अन्दर अभ्यर्थी को उस नोटिस का जवाब देना होगा। रिटर्निंग अधिकारी प्राप्त जवाब को जिला स्तरीय मीडिया प्रमाणन व अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी ) के पास भेजेगा, जिस पर जिला स्तरीय एमसीएमसी जवाब प्राप्त होने के 48 घंटों के अंदर अपना निर्णय देगी। रिटर्निंग अधिकारी उस निर्णय से अभ्यर्थी को सूचित करेंगे और कन्फर्म पेड न्यूज का खर्च अभ्यर्थी के खर्चे में जोड़ा जाएगा।
48 घंटों में कर सकते हैं अपील:- निर्णय के विरुद्ध अभ्यर्थी निर्णय की प्रति प्राप्ति के 48 घण्टों के अंदर राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन व अनुवीक्षण समिति के समक्ष अपील प्रस्तुत कर सकेंगे। यदि अभ्यर्थी ने अपने जवाब में पेड न्यूज होना मान लिया है तो पेड न्यूज की लागत डीआईपीआर, डीएवीपी के आधार पर ज्ञात कर अभ्यर्थी के खाते में जोड़ दी जाएगी।
लोकसभा क्षेत्र के आरओ के यहां तीन दिन पहले आवेदन करना होगा:- जिला स्तरीय एमसीएमसी के सदस्य सचिव हेमंत सिंह ने बताया कि अभ्यर्थियों को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों के प्रमाणीकरण के लिए संबंधित लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग अधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति को आवेदन करना होगा।