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13 से 15 अगस्त के मध्य पूर्ण गरिमा के साथ फहराए राष्ट्रीय ध्वज

हमारा राष्ट्रीय ध्वज भारत के नागरिकों की आशा और आकांक्षाओं का प्रतीक है। यह राष्ट्रीय गौरव का वाहक है। देश की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्व होने के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव के आयोजन की श्रृंखला में देश में हर घर तिरंगा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत पूरे राज्य में 13 अगस्त से 15 अगस्त 2022 के मध्य सभी सरकारी व गैर सरकारी आवासों, निजी संस्थानों, निजी आवासों और कार्यालयों आदि पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना ने बताया कि इसके लिए फ्लैग कोड में परिवर्तन किया गया है एवं इसकी धारा 1.2 में 30 दिसंबर 2021 को परिवर्तन कर खादी के झण्डे की बाध्यता हटाकर हाथ का काता, बुना हुआ मशीन से निर्मित कॉटन, पोलिस्टर, ऊनी, सिल्क एवं खादी आदि से बने झण्डे को भी अनुमत किया गया है।

 

 

तिरंगा ध्वजारोहण के लिए भारत झण्ड़ा संहिता 2002 है जिसके अन्तर्गत झण्डे का सरकारी और निजी तौर पर प्रदर्शन किया जाता है। झण्ड़ा संहिता के पैरा 1.3 और 1.4 के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज आयताकार होगा। झण्ड़ा किसी भी साईज का हो सकता है परन्तु राष्ट्रीय ध्वज की लम्बाई चौड़ाई का अनुपात 3ः2 होगा। भारत झण्ड़ा संहिता के पैरा 2.2 के अनुसार कोई भी नागरिक, निजी संस्थाओं, शैक्षणिक संस्थाएं, राष्ट्रीय ध्वज किसी भी दिन और अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज की गरीमा के अनुसार झण्ड़ा फहरा सकते है।

 

13 to 15 August, the national flag was hoisted with full dignity - CEO

 

भारत झण्ड़ा संहिता 2002 में 20 जुलाई 2022 को किए गए संशोधन के अनुसार झण्ड़ा अगर बाहर या किसी भी नागरिक के घर पर फहराया गया है तो यह दिन और रात 24 घण्टे फहराया जा सकता है। जब भी राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए तो उसे पूर्ण गरिमा के साथ फहराया जाए। कटा-फटा राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराया जाए। झण्ड़े में केसरिया पट्टी हमेशा उपर की ओर रहेगी। राष्ट्रीय ध्वज किसी भी व्यक्ति के सैल्यूट पर नहीं झुकाया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर कोई झण्ड़ा या झण्ड़ी नहीं फहराई जाएगी। राष्ट्रीय ध्वज के साथ न ही कोई माला या चिन्ह इसके साथ या उसके ऊपर नहीं लगाया जाएगा। किसी भी परिस्थिति में राष्ट्रीय ध्वज जमीन या फर्श से टच नहीं करें। राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी परिस्थिति में न तो ऐसे बांधे और न ही प्रदर्शन करें जिससे वह फट जाए या क्षतिग्रस्त हो जाए।

 

राष्ट्रीय ध्वज का इस्तमाल न तो स्पीकर्स के डेस के रूप में और न ही स्पीकर के प्लेटफॉर्म के कवर के रूप में हो। राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग गणवेश या ड्रेस के रूप में नहीं हो जिसे व्यक्ति के कमर के नीचे पहना जाता हो। इस पर एम्ब्रोइडरी न हो, न ही  यह कूशन, रूमाल, नेपकिन, अण्डर गारमेन्ट पर प्रिन्ट हो। राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी रूप में ढकने के लिए नहीं किया जाए, चाहे वह निजी फनरल क्यों न हो। झण्ड़े पर कुछ भी न लिखा जाए। झण्ड़े का प्रयोग लपेटने और सामान को लेने देने के रूप में नहीं हो। झण्ड़े का प्रयोग वाहन के पीछे, साईड तथा उपर ढकने के लिए नहीं हो। राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका हुआ नहीं फराया जाए। झण्ड़े को कभी भी पानी में नहीं डुबोया जा सकता। राष्ट्रीय ध्वज अगर फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकान्त में मर्यादित तरीके नष्ट करना चाहिए।

 

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