देश के अनेक राज्यों में लोगों के गहने एवं नकदी चुराने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के तीन सदस्यों की उम्र सिर्फ 19 वर्ष है, जबकि चौथा 42 वर्ष का है। मध्यप्रदेश के राजगढ़ के इस गैंग के सदस्य मोबाइल की सिम दूसरे राज्यों के लोगों के नाम से अपने पास रखते है। वारदात वाले दिन आरोपी मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते थे साथ ही कार पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर चलते थे। एसपी मनीष त्रिपाठी ने खुलासा करते हुए बताया कि जिला मुख्यालय पर शाहों के कुएं के पास एसबीआई बैंक से गत 25 मार्च को अपनी बेटियों की शादी के लिए दस लाख रुपए निकलवाकर जा रहे चिंचडौली के रिटायर्ड फौजी बनवारी से गैंग के सदस्यों ने दस लाख रुपए चुरा लिए थे। इसके बाद झुंझुनू पुलिस ने इस अंतरराज्यीय गंगा को पकड़ने में सफलता प्राप्त की है। जिला पुलिस अधीक्षक ने बताया ने कि मामले को गंभीरता से लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र मीणा, वृताधिकारी शहर लोकेंद्र दादरवाल के निर्देशन में कोतवाल मदनलाल कड़वासरा के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। कड़ी मशक्कत के बाद अंतरराज्य गिरोह के चार सदस्य ओम सांसी (19), बाबु सिसोदिया सांसी (19), कैलाश सिसोदिया सांसी (42) और रितिक सांसी (19) साल निवासी कड़िया बोडा, तहसील पचौर जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही उनके कब्जे से एक कार भी जब्त की है। आरोपी अब तक 100 से ज्यादा वारदात कर चुके है। उनको फिलहाल सिर्फ अभी तक 65 वारदात तो अच्छी तरह से याद है लेकिन शेष वारदात का उनको खुद पता नहीं कहां से कब रुपए आए।
वारदात की घटना को अंजाम देने के लिए कार से आते है आरोपी:-
वारदात को अंजाम देने के लिए चार से पांच व्यक्ति मौजूद रहते है। जो आने-जाने में कार का इस्तेमाल करते है, जहां कार की नंबर प्लेट फर्जी होती है। पुलिस से बचने के लिए यह लोग मोबाइल फोन का प्रयोग बिल्कुल नहीं करते या दूसरे राज्यों की फर्जी सिम काम में लेते है। ये लोग किसी ऐसे होटल या स्थान पर नहीं रुकते, जहां इनसे पहचान के लिए आईडी मांगी जाए। इसकी बजाए ये लोग धार्मिक स्थानों पर जहां अक्सर ज्यादा पूछताछ नहीं होती या हाइवे पर बने ढाबों पर रात गुजारते है। जिस स्थान पर ये ठहरते है वहाँ वारदात करने के लिए ऐसे बैंक का चयन करते है जो मुख्य बाजार में हो तथा जमकर भीड़-भाड़ हो। ज्यादातर ये लोग भारतीय स्टेट बैंक का चयन करते है। गैंग में एक या दो व्यक्ति ऐसे होते है जो बैंक में जाकर ये देखते है कि किस व्यक्ति द्वारा नकदी निकलवाई गई फिर उस पर पूरी नजर रखते है। इनका एक सदस्य बैंक से बाहर रहता है और एक साथी काफी दूरी पर कार लेकर खड़ा रहता है। जैसे ही कोई व्यक्ति थैले या बैग में नकदी निकलवाकर बैंक से बाहर आता है तो रैकी करने वाला व्यक्ति बाहर खड़े व्यक्ति को ईशारा कर देते है और वह पीड़ित के पीछे नजर बनाने में लग जाता है। जैसे ही उसका ध्यान थोड़ा सा भी इधर-उधर होता है उसकी नकदी भरा थैला या बैग पार कर लेते है। उसके बाद ऑटो पकड़कर पहले से खड़ी की गई कार के पास पहुंच कर फरार हो जाते है।
घटनास्थल से 100 किमी दूर जाकर रुकते है:-
गिरोह के अन्य सदस्य भी घटनास्थल से 100 किमी की दूरी पर जाकर रुक जाते है। ऐसे में कोई सुराग नहीं छोड़ते। झुंझुनू पुलिस जयपुर, अजमेर, सीकर, झुंझुनू, पाली, जोधपुर, नागौर में भी सैकड़ो सीसीटीवी फुटेज खंगाले है। होटलों, धर्मशालाओं तथा हाइवे पर ढाबों पर पूछताछ की गई। जिससे टीम को आरोपियों के बारे में कई सूचनाएं हाथ लगी। गैंग के सदस्य फिर से कार लेकर राजस्थान में वारदात करने आ रहे थे। जिस पर टीम ने तत्परता दिखाते हुए मुखबिर सूचना व तकनीकी मदद से सोमवार देर रात्रि चार आरोपी को मय कार के मध्यप्रदेश से आते हुए गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है।
गर्मियों में इस प्रकार करते है वारदात:-
बैंकों से रुपए निकालने वाले या अन्य किसी भी तरीके से रुपए ले जाने वाले लोगों पर गैंग के सदस्य बिस्किट खाकर उन पर थूक देते है और फिर कहते है कि आप पर मैला लगा हुआ है। इस पर व्यक्ति आस-पड़ोस में पानी का स्त्रोत तलाशता है। जब वह मैला धोने लगता है तो ये लोग उसके पीछे-पीछे जाकर रुपए से भरा थैला पार कर लेते है।
सर्दियों में इस प्रकार करते है वारदात:-
सर्दियों में इनका वारदात करने का तरीका कुछ बदल जाता है क्योकि लोग गर्म कपड़े पहनने से इन्हें कठिनाई होती है। ऐसे में गिरोह के सदस्य शादियों,पार्टियों में वेटर बनकर या बर्तन साफ करने वाला कहकर घुस जाते है। फिर गहने व लिफाफे के तौर पर आए रुपए पार करते है।
झुंझुनू में की गई:-
शाहों के कुएं के पास दस लाख से भरा बैग छीना।
सेना की कैंटीन के पास से एक लाख से भरा बैग छीना।
चिड़ावा में एसबीआई के पास एक लाख 50 हजार रुपए से भरा बैग छीना।
चुरू और सीकर में की गई वारदात:-
रतनगढ़ जिला चुरू से बैंक के पास से 50 हजार रुपए से भरा बैग पार।
सीकर में शादी समारोह से 20 तोला सोना व नगदी चुराई।
नीमकाथाना से बैंक के पास से 20 हजार से भरा बैग पार किया।
पलसाना में दो लाख से भरा बैग पार किया।
पुलिस का हीरो बना जितेन्द्र
पुलिस अधीक्षक त्रिपाठी ने बताया कि गैंग के सदस्यों को पकड़ने में कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह थाकन की अहम भूमिका रही है। इसके अलावा हैड कांस्टेबल मनीष कुमार, दिनेश कुमार, कांस्टेबल योगेंद्र, रामस्वरूप, योगेंद्र कुमार, विकास ठोलिया, सत्येंद्र कुमार और सुनील कुमार आदि गैंग को पकड़ने में शामिल रहे।
किस राज्य में कितनी हुई वारदात
राजस्थान 28, हरियाणा 03, मध्यप्रदेश 17, उत्तरप्रदेश 10, महाराष्ट्र 03, छत्तीसगढ़ 03, गुजरात 01।