राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज शुक्रवार को सरकार का अंतिम बजट पेश करना जैसे ही शुरू किया तब विधानसभा में बीजेपी ने हंगामा कर दिया। अशोक गहलोत पर पिछला ही बजट पढ़ने के आरोप लगे है। जैसे ही सीएम गहलोत पर यह आरोप लगे सदन में हंगामा खड़ा गया और सदन की कार्यवाही स्पीकर सीपी जोशी को कुछ देर के लिए स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, अब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई। सीएम अशोक गहलोत ने बजट 2023 पेश करते हुए कहा की, “मुझे खेद है, जो हुआ वह गलती से हुआ।” फिलहाल सीएम अशोक गहलोत विधनासभा में बजट भाषण पढ़ रहे हैं। इस दौरान वे कई बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं।
विधानसभा में मुख्यमंत्री गहलोत की बातें…
- 15 लाख अन्य घरेलू उपभोक्ताओं को 300 रुपए प्रतिमाह तक की छूट मिलती रहेगी
- सीएम गहलोत ने कहा, बिजली कंपनियों की स्थिति मजबूत करना हमारा उद्देश्य है।
- 300 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को निशुल्क बिजली देना हमारा लक्ष्य है।
- 50 से बढ़ाकर 100 यूनिट बिजली घरेलू उपभोक्ताओं को फ्री, 500 रुपए में मिलेगा उज्जवला योजना वाले गरीब परिवारों को घरेलू गैस सिलेंडर।
- नवीन युवा नीति के तहत 500 करोड़ रुपए के विकास कोष की स्थापना, 200 करोड़ रुपए कौशल विकास, 100 करोड़ रुपए सबंधित विकास, 200 करोड़ रुपए स्कॉलरशिप आदि पर खर्च होंगे
- आगामी वर्ष में रिक्त पदों पर प्राथमिकता से भर्ती करेंगे
- नकल रोकने और पेपर लीक रोकने के लिए एसओजी के अधीन आधुनिक साधनों से एसटीएफ गठित करने की घोषणा
- राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग, बोर्ड के लिए 50 करोड़ रुपए
- आइडेंडिफिकेशन के लिए बायोमेट्रिक टेक्नीक का इस्तेमाल किया जाएगा
- एक बार निर्धारित फीस देने के बाद सभी भर्ती परीक्षाओं को नि:शुल्क करने की घोषणा, इस पर 200 करोड़ रुपए का वित्तीय भार सरकार पर आएगा
- इस साल 30 हजार युवाओं को रोजगार मिलेग, आगामी साल में 100 रोजगार मेले प्रस्तावित हैं
- सीएम अनुप्रति कोचिंग योजना में 15 हजार युवाओं को बढ़ाकर आगामी साल में 30 हजार स्टूडेंट्स को लाभाविंत किया जाएगा
- नेहरू ट्रांजिट होस्टल के क्रम में जिला मुख्यालयों पर भी 75 करोड़ की लागत से विवेकानंद यूथ होस्टल बनाने की घोषणा
- हर ब्लॉक मुख्यालय पर डिजिटल लाइब्रेरी बनाने की घोषणा
- 18 से 35 साल के उद्यमितियों को मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में 10 और 15 परसेंट मनी पुरूष और महिला उद्यमियों को दी जाएंगी
- विश्वकर्मा कामगार कल्याण योजना उपकरण, सिलाई मशीन के लिए 5-5 हजार रुपए का अनुदान मिलेगा, 1 लाख युवा लाभांवित होंगे
- स्टार्टअप और आधुनिक तकनीक आधारित उद्योग के लिए 250 करोड़ की सहायता राशि, 25 लाख रुपए से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए तक सहायता
- 500 करोड़ रुपए की लागत से युवा विकास कोष
- जयपुर-जोधपुर और उदयपुर सांइस पार्क का 30 करोड़ रुपए से होगा विकास
- हाई एंड रिसर्च के लिए जयपुर में एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी 300 करोड़ रुपए की लागत से बनाने की घोषणा
- बायोटेक्नोलॉजी 2023 लाया जाना प्रस्तावित
- जयपुर में राजीव गांधी एविएशन एकेडमी बनाने की घोषणा
- 350 करोड़ लागत से एविएशन एकेडमी में कोर्सेज शुरू किए जाएंगे
- स्किल यूनवर्सिटी का नाम विश्वकर्मा इंडस्ट्री करना प्रस्तावित
- कन्या महाविद्यालय खोले जाएंगे
- राजस्थान गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस में 500 स्टूडेंट्स को प्रतिवर्ष लाभावंत किया जाएगा, कोटा, उदयपुर, जोधपुर में नए ऑडिटोरियम की घोषणा
- बालिकाओं को स्कूटियों की संख्या 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार दी जाएगी। इलेक्ट्रिक स्कूटी दिया जाना प्रस्तावित
- ट्रांसपोर्ट वाउचर स्कीम स्कूली बच्चों के लिए लागू की जाएगी। 50 किलोमीटर से बढ़ाकर 75 किलोमीटर यात्रा हो सकेगी रोजाना
- छात्राओं के साथ ही छात्रों को भी आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में 1 से 12वीं क्लास तक नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने की घोषणा
- 9वीं से 12वीं तक राजस्थान सरकार पुनर्भरण करेगी, केंद्र से निवेदन है कि 8वीं के बाद 9वीं से 12वीं तक के स्टूडेंट्स का पुनर्भरण भी केंद्र सरकार करें
- कक्षा 8 तक के स्टूडेंट्स को निशुल्क स्कूल यूनिफॉर्म 560 करोड़ रुपए लागत से दी जाएगी
- लर्निंग एप पर 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे
- सभी भर्ती परीक्षाओं को निःशुल्क करवाने का एलान
- जोधपुर में नया प्लेनेटोरियम, 10 करोड़ खर्च होंगे:500 करोड़ की लागत से मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी बनेगी
- चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ाकर प्रति परिवार 25 लाख स्वास्थ्य बीमा का ऐलान
- 1000 इंग्लिश मीडियम स्कूल और खोले जाएंगे
- 20 करोड़ की लागत से नशा मुक्ति केंद्र खुलेंगे
- बुजुर्गों को 1 हजार रुपए पेंशन
- 30,000 सफाई कर्मचारियों की भर्ती
- शिक्षा जगत: 50 उपखंडों पर औद्योगिक क्षेत्र खोले जाएंगे
- शिक्षा जगत: कोरोना के कारण अनाथ हुए बालक बालिकाओं को सरकारी नौकरी देने की घोषणा
- स्कूटी की संख्या 20000 से बढ़ाकर 30000 कर दी गई है।
- प्रतापगढ़, जालौर, राजसमंद में मेडिकल कॉलेज राज्य सरकार खुलवाएगी। इसके बाद राजस्थान के सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे।
- ईडब्ल्यूएस परिवारों को भी अब फ्री मिलेगी चिरंजीवी योजना, यानी उन्हें बीमा की राशि 850 रुपए नहीं देने पड़ेंगे।
- जोधपुर, कोटा में नए प्लैनेटोरियम बनेंगे।
स्वास्थ्य
जोधपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल का पांचवा बजट पेश किया। यह देखिए उन्होंने अपने गृह क्षेत्र जोधपुर को क्या दिया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने तीसरे कार्यकाल का पांचवा और अंतिम बजट पेश किया। हर बार की तरह उनके अपने घर यानी जोधपुर को इस बार भी काफी उम्मीदें थी। इनमें से कई उम्मीदें तो पूरी होती दिखी है लेकिन कई बड़े प्रोजेक्ट जोधपुर के हाथ में नहीं आने का मलाल भी रहा। जोधपुर को इससे पहले भी 4 साल में कई घोषणाओं के जरिए सौगातें मिली थी।
यहां देखे जोधपुर को क्या मिला…
– जोधपुर में 500 करोड़ की लागत से मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना
– स्ट्रेस से बचाने के जयपुर, जोधपुर और कोटा में साइक्रेटिक काउंसिलिंग सेंटर
– जोधपुर के साइंस पार्क में आईटी और अन्य उत्पादों की लाइब्रेरी
-जोधपुर-कोटा-उदयपुर 10-10 करोड़ की प्लेनेटोरियम (तारामंडल)
– सलीम दुरानी आवासीय स्पोर्ट्स स्कूल जोधपुर संभाग सहित अन्य स्थानों पर खुलेंगे।
– जोधपुर से अन्य जिलों में वेद विद्यालय खुलेंगे।
– प्रदेश में 1000 नए महात्मा गांधी अंग्रेजी स्कूल खुलेंगे, जोधपुर भी लाभान्वित होगा।
– भर्ती परीक्षाओं में वन टाइम परीक्षा शुल्क लेने के बाद बाकी सभी परीक्षाएं निशुल्क होगी।
– युवाओं पर बजट फोकस किया है। नवीन युवा नीति लाई जाएगी।
– प्रदेश के 76 लाख परिवारों को ₹500 में गैस सिलेंडर मिलेंगे। इसमें जोधपुर के भी कई परिवार लाभान्वित होंगे।
यह भी है उम्मीद
पिछले 4 साल बजट में जोधपुर को 300 से ज्यादा सौगातें मिली है। इनमें से 70% से ज्यादा पर काम भी शुरू हो चुका है। इस बार जिस मांग के पूरा होने की सबसे उम्मीद लगाई जा रही है वह मेट्रो परियोजना है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री इस सरकार के अंतिम बजट में जोधपुर को जयपुर की तर्ज पर मेट्रो की सौगात दे सकते हैं।
बरसो अटकी मेट्रो की मांग चढ़ी परवाज
जोधपुर में मेट्रो परियोजना को साकार करने के लिए 10 साल बाद एक बार फिर से मांग उठी है। पिछली बार जब कांग्रेस की सरकार थी और केंद्र में कमलनाथ मंत्री थे तब सीएम अशोक गहलोत ने यह मांग रखी थी तब डीपीआर बनाने के आदेश भी जारी हो गए थे। लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया।