दिल में अपनी औलाद को सलामत देखने की ख़ुशी और आंखों में उसी ख़ुशी के आंसू, नजारा था मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय का। जब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत उपचारित बच्चों के माता पिता मुख्यमंत्री के संदेश प्रपत्र लेने के लिए कार्यालय पहुंचे। मुख्यमंत्री की ओर से इस योजना में उपचारित बच्चों के सभी बच्चों को बधाई संदेश प्रपत्र दिए जाने है जिसकी शुरूआत शुक्रवार को सीएमएचओ कार्यालय से की गई। सीएमएचओ डाॅ. तेजराम मीना ने दिल के छेद और क्लेफ्ट पैलेट के उपचारित बच्चों और उनके माता पिता को मुख्यमंत्री का बधाई संदेश प्रपत्र देकर सम्मानित किया गया। साथ ही बच्चों को बिस्किट, चाॅकलेट भी दिए गए।
सभी ब्लाॅकों में आरबीएसके टीमों द्वारा लाभार्थियों के घर जाकर उन्हें यह संदेश पत्र दिया जाऐंगे। संदेश में मुख्यमंत्री द्वारा बच्चों के अभिभावकों को उनके बच्चे के सफल इलाज के लिए बधाई व उनके अच्छे पालन पोषण, पढ़ाई लिखाई और भविष्य के लिए शुभकामनाएं प्रेषित की गई है।
संदेश लेने के लिए आए सभी अभिभावकों ने विभाग की इस योजना और उनके बच्चों को ढूंढ निकालने वाली आरबीएसके टीमों का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। अपनी कहानी सुनाते सुनाते सभी बच्चों के माता पिता की आंखें भर आई। सभी ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा चलाई जा रही योजना वाकई में बहुत लाभदायक योजना है जिसकी वजह से हमारे बच्चों की जान बच पाई है। इस योजना ने हमारे बच्चों को जिंदगी दी है। इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सोनी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधीन्द्र शर्मा, आरबीएसके एडीएनओ जिशान खान, आरबीएसके टीम के डाॅ. इंशा खान व डाॅ. गिरिराज प्रसाद मौजूद रहे।
क्या है राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम:-
राज्य सरकार का महत्वकांक्षी कार्यक्रम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम जन्मजात बीमारियों से ग्रसित बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। आरबीएसके के नाम से पहचाने जाने वाले इस कार्यक्रम के तहत सवाई माधोपुर जिले में जन्मजात दिल में छेद की बीमारी से ग्रसित, बच्चे कटे होंठ व कटे तालू का, आंख के आॅपरेशन व अन्य जन्मजात बीमारियों के इलाज किये जा चुके है। कार्यक्रम के अंतर्गत 0 से 18 साल की उम्र तक के बच्चों का उपचार किया जाता है। आरबीएसके कर मोबाइल हेल्थ टीम विभिन्न लगातार स्कूलों, आंगनवाडी केंद्रों व मदरसों में जा कर बच्चों की 38 बीमारियों की स्क्रीनिंग करती है। योजना के अंतर्गत बच्चों की स्क्रीनिंग करने के पश्चात चिन्हित बच्चों का इलाज पीएचसी, सीएचसी, जिला लेवल पर किया जाता है। जिन भी बच्चों का इलाज जिला स्तर पर नहीं हो सकता है उन्हें जयपुर स्थित निजि चिकित्सालय में रेफर कर उनका इलाज निशुल्क किया जाता है।