राजीव गांधी जल संचय मिशन के सभी 381 कार्य 31 मार्च तक पूर्ण करें-कलेक्टर
जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने वाटरशेड के अधिशासी अभियन्ता को निर्देश दिये हैं कि राजीव गांधी जल संचय मिशन में ब्लॉक स्तरीय समितियों का तत्काल गठन कर इनकी नियमित बैठकों का आयोजन सुनिश्चित करवाएं।
इस समिति का अध्यक्ष उपखण्ड अधिकारी को बनाया जाना है। जल संरक्षण के लिये चलाये जा रहे इस मिशन के अन्तर्गत जिले में चालू वित्तीय वर्ष में 381 कार्य स्वीकृत हैं जिनके लिये 267 लाख रूपये बजट आवंटन हुआ है। बौंली में 171, खंडार में 118, सवाई माधोपुर में 43, गंगाुपर सिटी में 20, चौथ का बरवाड़ा में 18 तथा बामनवास में 11 कार्य स्वीकृत हैं। इनमें से कुल 151 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
इसके अतिरिक्त एकीकृत जल ग्रहण विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले में 431 जल संरक्षण कार्य किये जा रहे हैं। इनमें मेडबंदी, तालाब खुदाई, एनीकट निर्माण, चारागाह विकास शामिल हैं। बौंली में 170, बामनवास में 132, बरवाड़ा में 97, तथा सवाई माधोपुर में 32 कार्य स्वीकृत हैं। इनके लिये 335 लाख रूपये बजट प्राप्त हुआ है।
जिला कलेक्टर ने चौथ का बरवाड़ा में स्वीकृत 4 कामों के स्थान बदलने के निर्देश दिये हैं। यहॉं पूर्व चिन्हित कार्य स्थल पर पानी भरा होने से कार्य शुरू नहीं हो पाये हैं। जिला कलेक्टर ने इन सभी कार्यों की सूची राजीव गांधी सेवा केन्द्र पर चस्पा करने के निर्देश दिये हैं ताकि ऐसा न हो कि कोई व्यक्ति अपने खेत की मेढबंदी निर्माण में इस योजना का भी फायदा ले ले तथा मनरेगा से भी फंड उठा ले।
प्रत्येक पंचायत समिति में 2 आदर्श जल संरक्षण ढॉंचों का निर्माण होगा मनरेगा में
जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने सभी बीडीओ को निर्देश दिये हैं कि अपनी पंचायत समिति में 2-2 स्थलों और कार्यों का चयन कर जल्द से जल्द जल संरक्षण ढॉंचों का निर्माण मनरेगा से करवाएं।
जिला कलेक्टर ने 31 मार्च तक 44 राजकीय विद्यालयों में वर्षा जल संरक्षण के लिये वाटर हार्वेस्टिंग ढॉंचें बनाने के भी निर्देश दिये हैं।
प्रतिनियुक्त पर लगे कार्मिकों को भी लगेगा कोविड-19 का टीका
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लगे अन्य विभागों के कार्मिकों को फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में शामिल करते हुए कोविड-19 टीका लगाने के निर्देश दिये गये हैं।
जिला कलेक्टर राजेन्द्र किशन ने इस सम्बंध में कार्मिकों का डेटा तत्काल सीएमएचओ को उपलब्ध करवाने के निर्देश जिला परिषद सीईओ को दिये हैं ताकि इनके डेटा कोविन सोफ्टवेयर पर अपलोड किये जा सकें।