प्रदेश में कोरोना की दस्तक को मद्देनजर रखते हुए जिले का चिकित्सा विभाग अलर्ट मोड पर है। वर्तमान में देश में केरल, कर्नाटक, तमिलनाडू, महाराष्ट्र व अन्य राज्यों में कोविड केसेज की संख्या में वृद्वि पाई गई है। केरल, तमिलनाडू, महाराष्ट्र, दिल्ली व गोआ में कोविड का नया सब वेरियंट जेएन.1 पाया गया है राजस्थान में जैसलमेर में व जयपुर में झुंझुनू व भरतपुर के मूल निवासी संक्रमित पाए गए हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. धर्मसिंह मीना ने बताया कि कोविड के मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए जिले का चिकित्सा विभाग पूरी तरह सतर्क है। जिले के सभी चिकित्सकों को अलर्ट कर दिया गया है और सर्दी खांसी, श्वास लेने में तकलीफ होने पर मरीजों की कोरोना जांच करवाने के निर्देश दिए हैं।
ओपीडी में आने वाले श्वसन रोग के मरीजों पर निगरानी रखी जाए, श्वसन संबंधी संदिग्ध रोगी की आरटीपीसीआर द्वारा जांच करवाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। जिला स्तर पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जिले के सभी ऑक्सीजन प्लांट व ऑक्सीजन कंसंटेटर कार्यशील अवस्था में हैं, जिला अस्पताल में मरीजों हेतु वाॅर्ड व आवश्यक दवाईंयां उपचार के लिए आवश्यक आइसोलेशन बैड, वेंटिलेटर, दवाईंयों एवं जांच सुविधा की उपलब्धता व संसाधन रखने हेतु निर्देशित किया गया है। जो भी दवाईंयां जिले पर उपलब्ध नहीं हैं उन्हें राज्यस्तर से डिमांड की गई है।
समस्त चिकित्सा संस्थानों पर पर्याप्त मात्रा में दवाईयों, कंसंटेटर, बैड, पीपीई किट लाॅजिस्टिक की उपलब्धता एवं रेपिड रेस्पोंस टीमों को एक्टिव रखने के निर्देश प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि नए वेरिएंट के मुख्य लक्षण नाक बंद या नाक का बहना, गले में खराश, पेट में गडबडी, बुखार, खांसी व सिरदर्द है। चिकित्सा विभाग ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि आईएलआई के रोगियों को जिन्हें सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार व गला खराब की तकलीफ है वे दूसरे लोगों से दूरी बनाकर रखें और भीड़भाड़ वाले या बंद स्थानों और दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क अवश्य पहनें और सोशल डिस्टेंसिंग फिर से आदत डालें। हाथों को 20 सैकेंड तक धोएं व सेनेटाइजर का प्रयोग करें। हल्की सर्दी, खांसी, जुकाम, बुखार व गला खराश होने पर चिकित्सक से परामर्श लें ताकि रोग पर प्रभावी व तत्काल नियंत्रण पाया जा सके।
चिकित्सकीय परीक्षण के बाद आईएलआई यानि इन्फ्लूएंजा लाइक इलनैस के रोगियों में लक्षण पाए जाने की स्थिति में होम आइसोलेशन एवं इन लक्षणों के गंभीर होने की स्थिति में भर्ती किया जाए। बच्चे, वृद्वजन, गर्भवती एवं को मोर्बिडिटी वाले व्यक्तियों जैसे डायबिटीज, कैंसर, हदयरोग व अन्य गंभीर बीमारियों के रोगियों को लक्षण दिखाई देने पर तुरंत कोविड जांच व उपचार करवाया जाए। आईएलआई के लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक की सलाह अनुसार कोविड की जांच व उपचार समय रहते लिया जाए।