जिला कलक्टर राजेन्द्र किशन ने आज शनिवार को अपरान्ह चार बजे राजकीय महाविद्यालय मलारना डूंगर का औचक निरीक्षण कर महाविद्यालय की व्यवस्थाओं को जांचा। जिला कलक्टर ने निरीक्षण के दौरान अध्ययन कक्ष, छात्रों के बैठने की क्षमता और अन्य कक्षों का निरीक्षण किया तथा उपस्थित प्राचार्य और प्रवक्ताओं को आवश्यक निर्देश दिए। महाविद्यालय प्राचार्य ने बताया कि प्रथम वर्ष में 162 बालक बालिकाएं नामांकित थे। इस वर्ष के लिए अभी प्रवेश प्रक्रिया नहीं हुई है। कलेक्टर ने प्रथम बैच के 162 अध्ययनरत छात्रों एवं आने वाले नए बैच के अनुमानित छात्र संख्या के अनुसार व्यवस्थाएं व सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए आवंटित भूमि के संबंध में तहसीलदार से जानकारी ली। तहसीलदार ने बताया कि 21 बीघा 14 बिस्वा भूमि का आवंटन महाविद्यालय के लिए हो चुका है। कलेक्टर ने विधायक कोष, सीएसआर या भामाशाहों के मदद से भवन निर्माण के लिए राशि प्राप्त करने के प्रयास करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने महाविद्यालय में वर्तमान में टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की स्थिति की जानकारी ली एवं महाविधालय को ओर क्या-क्या आवश्यकताएं रहेगी इसकी भी जानकारी ली।
उन्होंने कहा कि नोडल महाविद्यालय के प्राचार्य से समन्वय रखते हुए फैकल्टी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने महाविद्यालय के अध्ययन कक्ष को खुलवाकर निरीक्षण किया। यहां गंदगी होने और फर्नीचर अस्त-व्यस्त पड़े होने पर उन्होंने इसे व्यवस्थित करवाने के निर्देश दिए। इसी प्रकार महाविद्यालय की आवश्यकता के अनुसार नोडल प्राचार्य से फर्नीचर शीघ्र तथा गुणवत्ता वाला क्रय करवाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्राचार्य सुरेश मीना, असिस्टेंट प्रोफेसर गंगाराम एवं पल्लम सिंह से सवाल जवाब किए। गत वर्ष हुई शिक्षण कक्षाओं एवं फैकल्टी की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान महाविद्यालय में अस्थाई भवन रा.उ.मा.वि. के एक भाग में अन्य आवश्यक सुविधाओं के संबंध में भी निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान तहसीलदार किशन मुरारी मीना भी मौजूद थे।