देश भर में अगले पांच वर्षों में दस हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के संवर्धन एवं गठन के लिये भारत सरकार द्वारा एक केन्द्रीय क्षेत्र योजना के तहत सवाई माधोपुर जिले के 7 ब्लॉकों में किसानों उत्पादक के संगठनों के संवर्धन और गठन का कार्य नाबार्ड एवं एसएफएसी द्वारा किया जा रहा है, जिसकी प्रगति की समीक्षा बैठक जिला स्तरीय निगरानी समिति (डी-एमसी) की बैठक आज गुरूवार को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक खन्ना की अध्यक्षता में जिला परिषद सभागार में आयोजित हुई।
बैठक में उपनिदेशक (कृषि विस्तार) रामराज मीना, उपनिदेशक, कृषि एवं पी.डी आत्मा अमर सिंह, सहायक निदेशक उद्यान विभाग ओ.पी.बडाया, उपरजिस्ट्रार सहकारी समितियां किसान लाल मीना, कृषि विज्ञान केन्द्र सवाई माधोपुर सी.पी गोयल, पशुपालन विभाग के डॉ. ओ.पी गुप्ता, मतस्यपालन के दीपक सिंह, एलडीएम सवाई माधोपुर श्योपाल मीना, शंकर मोरे और विश्वनाथ सगरे, वॉटरशेड ऑर्गेनाइजेशन ट्रस्ट (वॉटर), एसआईआईआरडी तुसार शर्मा, रणतभंवर फार्मर प्रोडूसर कम्पनी लिमिटेड के निदेशक मुकेश गुर्जर, देवीलक्ष्मी फार्मर प्रोडूयूसर कंपनी लिमिटेड के निदेशक राम कुवंर आदि उपस्थित रहे। बैठक का संयोजन जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड मक्खन लाल मीना ने किया। जिले में चौथ माता फार्मर प्रोडूयूसर कंपनी लिमिटेड-ब्लॉक चौथ का बरवाड़ा, वृन्दावती फार्मर प्रोडूयूसर कंपनी लिमिटेड, ब्लॉक-बौंली और देवीलक्ष्मी फार्मर प्रोडूयूसर कंपनी लिमिटेड की प्रगति की समीक्षा की गई।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि योजना के उद्देश्यों में कृषि क्षेत्र की उत्पादकता एवं किसानों की आय को बढ़ावा देना, इनपुट, उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन, बाजार लिंकेज, क्रेडिट लिंकेज एवं तकनीकी हस्तांतरण के द्वारा हैंडहोल्डिंग करके किसानों की आय दुगनी करना और सीबीबीओ को दिये गये प्रत्येक एफपीओ में 150 सदस्यों के लक्ष्यों को प्राप्त करने के निर्देश सीबीबीओ एसआईआरडी को दिये। उन्होने बताया कि 31 मार्च तक प्रत्येक एफपीओ में 300 सदस्यों के लक्ष्य का प्राप्त करना है। उन्होंने सभी सीबीबीओ संस्था के प्रतिनिधि से एफपीओ की प्रगति एवं कार्य में आ रही समस्या पर चर्चा कर आवश्यक दिशा निर्देश दिये। सीईओ जिला परिषद ने जिले के विभागों के प्रमुख से आवश्यक सहयोग लेने के बारे में निर्देश दिए।
उपस्थित सभी विभाग प्रमुख को एफपीओ के गठन क्षेत्र में जाकर सहयोग देने के सम्बन्ध में निर्देश दिये। एफपीओ के गठन के बाद उनके क्षमता वर्धन के लिए एक्सपोज़र विजिट तथा मार्केट लिंकेज से आवश्यक प्रशिक्षण देने सम्बंधित निर्देश दिये। बैठक में आत्मा प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर साहब ने ग्राम स्तर पर किसान मित्रों का सहयोग लेने का सुझाव दिया। सीईओ जिला परिषद ने स्वयं सहायता समूह का एफपीओ गठन एवं बिज़नेस को बढ़ावा देने में सहायता समूह का सहयोग लेने पर चर्चा की। वॉटर शेड आर्गेनाइजेशन ट्रस्ट के प्रतिनिधि विश्वनाथ सगरे द्वारा पंचायत समिति बामनवास, गंगापुर सिटी और मलारना डूंगर के प्रगति की जानकारी दी।
जिला विकास प्रबन्धक नाबार्ड मक्खन लाल मीना ने बताया कि योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिले में नाबार्ड एवं लघु कृषक कृषि व्यापार संघ का चयन किया गया है। एफपीओ को बनाने और बढ़ावा देने के नाबार्ड ने एसआईआरडी और वाटरशेड आर्गेनाइजेशन ट्रस्ट को नियुक्त किया जबकि एसएफएसी ने सोलिडेरीडेट एक्सपर्ट सेन्टर को नियुक्त किया है, जो जिले में क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन सीबीबीओ के रूप में कार्य करेगी। जिसके द्वारा एफपीओ का निर्माण, एफपीओ का पंजीकरण, एफपीओ सदस्यों के बीच समंजस्य को बढ़ावा देना, पूंजी जुटाना, व्यवसाय योजनाए तैयार करना एवं उनका निष्पादन करना इत्यादि शामिल है।