शिवाड़ ग्राम पंचायत में पेयजल संकट के चलते अधिकतर लोगों को पानी खरीद कर प्यास बुझानी पड़ रही है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार शिकायत कर अवगत करवाया जा चुका है परंतु समस्या का कोई हल नहीं निकला केंद्र सरकार व राज्य सरकार की हर घर जल हर घर नल योजनाएं क्षेत्र में कागजी कार्यों में नजर आ रही है। वहीं आमजन ने क्षेत्रीय विधायक जितेंद्र गोठवाल को भी पेयजल समस्याओं से अवगत करवाया समाधान के साथ दो में ट्यूबवेल लगवाने की मांग कर चुके हैं जिस पर विधायक गोठवाल ने पर जल समस्या समाधान का आश्वासन दिया था। परंतु धरातल पर पेयजल समस्या गर्मी बढ़ने के साथ बढ़ती जा रही है जिसके चलते माता बहनों में पानी को लेकर प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ रहा है। समाज सेवी जगदीश प्रसाद सोनी, विकास गुर्जर, श्याम सुंदर गौतम ने बताया कि शिवाड़ में तालाब का पानी सूख रहा है। जिसके कारण भूजल स्तर प्रभावित हो रहा है जलाशय विभाग के ट्यूबवेल पानी छोड़ने लगे हैं जिसके चलते गांव में पेयजल संकट बढ़ रहा है।
समाजसेवियों का कहना है कि शिवाड़ में लगभग 2000 घरों की बस्ती है पानी के जलस्रोत का स्रोत तीन टंकिया है जो लगभग 30 35 वर्षों पुरानी है। जो वर्षों पहले की जनसंख्या के हिसाब से बनी है। गांव की आबादी बढ़ गई है जल स्रोत वही है गांव के सभी हेड पंपों में खारा पानी वहीं एक दर्जन हैडपंप नकारा होकर बंद पड़े हैं। जो चालू है उनमें खारा पानी होने के कारण स्वाद के साथ स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हैं। गर्मी की दस्तक के साथ लोग मीठे पानी के टैंकर खरीद कर प्यास बुझाने को मजबूर हैं। धारासिंह नाई, विनय जैन, मुकेश खंडेलवाल का कहना है कि पिछले एक दशक से कम बरसात होने से तालाब में जल भराव नहीं हो पा रहा है जिसके कारण यह समस्या आ गई है। ग्रामीण जनता महिला सीता शर्मा, संतोष देवी का कहना है कि इस भीषण गर्मी में रोज मर्रा काम के लिए पानी के लिए परेशान होना पढ़ रहा है। बोहरा मोहल्ला माली मोहल्ले में मोहल्ले वासियों को चिपोलाई बालाजी वीर तेजाजी महाराज बड़ा तालाब स्थान परिसर में बने जल स्रोत से करीबन 1 किलोमीटर दूर जाकर के पानी लाना पड़ रहा है। जबकि केंद्र सरकार वह राज्य सरकार द्वारा हर घर जल हर घर नल योजना कागजी कार्यवाही नजर आ रही है। ग्रामीणों में विधायक गोठवाल व प्रशासन से शीघ्र ही समस्या समाधान की मांग की है अन्यथा चौथ का बरवाड़ा तहसील को घेर प्रदर्शन किया जाएगा।