सवाई माधोपुर: सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय सहित जिले में हुई भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है और जिला मुख्यालय सहित जिले के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है। जिले भर में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश का दौर जारी है। बुधवार को भी दिन में और देर शाम तक भी कई बार बारिश का दौर चल रहा था। लेकिन गुरूवार को अल सुबह करीब 4 बजे से शुरू हुई तेज बारिश के बाद करीब दो घंटो में ही जिला मुख्यालय पर पानी का सैलाब बहने लगा।
भारी बारिश के चलते रणथंभौर के सभी झरने सहित जिले के सभी नदी नाले उफान पर आ गए। जिला मुख्यालय के बीचों बीच बहने वाला लटिया नाला रौद्र रूप में नजर आया। बारिश के चलते कई इलाके जलमग्न हो गए। शहर में मुख्य बाजार, खण्डार रोड़ पर हरिजन बस्ती, कंजर कॉलोनी, हाउसिंग बोर्ड, खेरदा, राजनगर, आदर्श नगर सहित कई कॉलोनियों में कई घरों में पानी भर गया है। हाउसिंग बोर्ड में सेक्टर तीन के मकानों के साथ ही मुख्य सड़क पर लटिया का पानी बहता नजर आया।
जिसके कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। तेज बारिश के बाद कई कालोनियां जलमग्न नजर आई। जहां सिविल डिफेंस की टीम ने कड़ी मशक्कत करते हुए लोगों को घरों से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। सुबह हुई तेज बारिश के चलते शहर बड़े राजबाग में लटिया नाले पर बनी पुलिया टूट गई। जिसमें एक बस नाले में बह गई और इसके साथ ही उस समय पुलिया पर मौजूद चार लोग भी तेज बहाव में बह गए। गनीमत रही की मौके पर मौजूद सिविल डिफेंस टीम और स्थानीय लोगों की सुझबुझ से नाले में बहे युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
वहीं पुलिया टूटने के बाद करीबन दो दर्जन लोग पुलिया के दुसरी ओर फंस गए। जिन्हें शहर चौकी इंचार्ज जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में सिविल डिफेंस की ओर पुलिस की टीम ने रेस्क्यू किया। तब जाकर फंसे हुए लोगो ने राहत की सांस ली। भारी बारिश के चलते जिला अस्पताल में भी पानी भर गया। जिससे अस्पताल में भर्ती मरीजों, चिकित्सकों एवं अस्पताल के स्टाफ को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इस दौरान भैरू दरवाजे के पास गोपाल जी का मन्दिर की पुलिया, बम्बोरी में लटिया पर बनी रपट जलमग्न हो गये। वहीं खेरदा में पुरानी पुलिया से होकर पानी निकलने लगा।
शेरपुर झरेटी नाले में पानी आने से करीब 20 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया। इसी तरह बोदल पुलिया और कुशालीदर्रा में पानी की भारी आवक होने से सवाई माधोपुर से मध्य प्रदेश एवं खंडार क्षेत्र का संपर्क कट गया। बोदल पुलिया पर लगी लोहे की रेलिंग आदि पानी के तेज बहाव में बह गये। लटिया नाले के पानी से सूरवाल बांध में लगातार पानी की आवक से सूरवाल गांव भी जलमग्न नजर आया। लालसोट मार्ग पर कई फिट पानी के चलते रास्ता बंद हो गया। भारी बारिश से जिला मुख्यालय पर उपजे हालातों को देखते हुऐ जिला कलेक्टर द्वारा जिले के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया।
जिला अधिकारियों ने जल भराव वाली क्षेत्रों का दौरा भी किया। जिले में हुई भारी बारिश से चंबल, गलवा, बनास, मोरेल नदी ऊफान पर है। जिससे दर्जनो गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। नदियों में तूफान आने से बरियारा, धनौली, पुसोदा, सूरवाल, दहलोद, भारजा आदि गांव जलमग्न हो गए। जिससे लोगों की परेशानी बढ़ गई। हालांकि प्रकृति को कोई रोक नहीं सकता। लेकिन पूर्व में राजस्थान का चेरापूंजी कहे जाने वाले जिले में यह वर्षा आपदा का कारण नहीं कही जा सकती। आपदा के लिए मानवीय क्रियाकलापों से समस्याऐं उत्पन्न हुई हैं। पानी के रास्तों को रोकने से यह आपदा उत्पन्न होती नजर आती है।