जिले में चिकित्सा विभाग द्वारा फोगिंग, टेमीफोस, एमएलओ आदि से मच्छरों को मारने के लिए कार्यवाही नियमित रूप से की जा रही है। मौसमी बीमारियों स्वाइन फ्लू, डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टायफस, मलेरिया से बचाव व मच्छरों के खात्मे के लिए एंटी लार्वा गतिविधियां की जा रही है।
जिला आईईसी समन्वयक ने बताया कि विभाग की टीम ने अंसारी मौहल्ला, शहर व सूर्य नगर काॅलोनी के आस पास के क्षेत्रों में फोगिंग कर दवा का छिडकाव किया गया। साफ पानी की टंकियों में टेमीफोस, गंदे पानी व नालियों में एमएलओ डाला जा रहा है। साथ ही टीम द्वारा आमजन की समझाइश भी की जा रही है कि वे अपने आस पास के इलाकों में सफाई रखें गंदा पानी इकट्ठा न होने दें। समय समय पर पानी की टंकियों व पानी के ठहराव के स्त्रोतों को साफ करते रहें, जिससे मच्छरों को पनपने से रोका जा सके।
साधारण और घरेलू उपाय करके भी मच्छरों से बचा जा सकता है। मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से और डेंगू, चिकनगुनिया एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। यही एडीज मच्छर जीका भी फैला रहा है। मादा मच्छर पानी में अंडे देती है, अंडे से लार्वा और फिर प्यूपा ओर इससे वयस्क मच्छर विकसित होता है। मच्छरों के इन लार्वा को नष्ट करने के लिए एमएलओ यानि कि बर्न आयल व अन्य कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। कूलर, पानी के घडों, टंकियों, गमलों के नीचे की प्लेट, नारियल के खोलों, टायरों में भरे पानी में मच्छर पनपते हैं इसलिए सात दिनों से ज्यादा दिनों तक इन सब में पानी नहीं भरे रहने दिया जाना चाहिए। सप्ताह में एक दिन सूखा दिवस मनायें। इन सभी चीजों को खाली, साफ करके व सुखा कर ही नया पानी भरा जाना चाहिए। आमजन अपने घर के आस पास की जगहों में भरे पानी के गढ्ढों को मिट्टी से भर दें अथवा उसमें मच्छर मारने के लिए कीटनाशक स्प्रे करें। घरों की खिडकियों और दरवाजों पर जाली लगाकर रखें। संभव हो तो मच्छरदानी का प्रयोग करें। यथासंभव शरीर को पूरा ढकने वाले कपडे पहनें। बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवतियों को मच्छरों से विशेष रूप से बचाकर रखें। किसी भी प्रकार के बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर घबराएं नहीं और प्रशिक्षित चिकित्सक से ही इलाज करवाएं। मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू आदि पाए जाने पर पूर्ण इलाज करवाएं।