बी.एड. एवं शिक्षा शास्त्री तथा डी. एल. एड. संघ के एक प्रतिनिधि मण्डल ने “विद्या संबल योजना ” में प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षकों को शामिल करनेे तथा सेवा निवृति के बाद नियुक्ति देने की प्रक्रिया पर पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाने के लिए मुख्यमंत्री, शिक्षा कैबिनेट मंत्री, शिक्षा राज्य मंत्री, मुख्य सचिव और शिक्षा सचिव के नाम उपजिला कलेक्टर रतनलाल योगी को संघ अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा l
इस अवसर पर शिक्षाविद रामदयाल वैष्णव ने बताया कि विभिन्न विभागों में शिक्षण कार्यों में शिक्षक-प्रशिक्षकों के रिक्त पद होने के कारण नियमित अध्यापन में होने वाली व्यवधान से विधार्थियों के शैक्षिक स्तर पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को रोकने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा “विद्या संबल योजना” की शुरुआत की गई l इसके पीछे मुख्यमंत्री की मंशा थी कि शिक्षण संस्थानों मे फैकल्टी की कमी को पूरा किया जा सकेगा एवं समय पर पाठ्यक्रम पूरा होगा जिससे राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार होगा और प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षकों को रोजगार मिल सकेगाl संघ अध्यक्ष जिनेन्द्र जैन ने बताया कि वर्तमान समय मे शिक्षा जगत के प्रशासनिक मुखिया ने एक तुगलकी फरमान जारी कर प्रशिक्षित बेरोजगार शिक्षकों के आर्थिक हितो पर कुठाराघात किया गया है जिसके कारण प्रशिक्षित शिक्षकों में रोष व्याप्त है l
इस तुगलकी फरमान मे बताया गया है कि केवल सेवानिवृत्त शिक्षकों को ही गैस फैकल्टी के रूप मे प्राथमिकता दी जाएगी, इस प्रकार का अन्याय प्रशिक्षित शिक्षक कतई सहन नहीं करेगा l वर्तमान समय में इस नियमानुसार सेवानिवृत्त शिक्षकों की नियुक्ति भी की जाती है तो विद्यालयों मे खाली पड़े पदों की पूर्ति करना संभव नहीं हैl
बी.एड. एवं शिक्षा शास्त्री तथा डी. एल. एड. संघ का सुझाव है कि सेवा निवृति के बाद नियुक्ति देने की प्रक्रिया पर राजस्थान सरकार को पूर्णतया प्रतिबन्ध लगाना चाहिए जिससे राजस्थान के युवा वर्ग को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेगें और प्रदेश में व्याप्त बेरोजगारी जैसी विकराल समस्या पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकेगाl इस अवसर पर रामदयाल रैगर, चन्द्रकेश गौड़, आशीष सैन, डॉ. महेन्द्र महावर एवं अजीत जैन आदि उपस्थित थे l